Punjab News: पंजाब में सरकारी परिवहन उपक्रम के संविदा कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शनिवार को हड़ताल पर चले गए है. इस वजह से राज्य के लोगों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा. प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने दावा किया कि हड़ताल की वजह से सरकारी उपक्रम ‘पनबस’ की 2,000 से ज्यादा बसें सड़कों से नदारद हैं. 


बसों की हड़ताल से यात्रियों को परेशानी
हड़ताल ने लुधियाना, मोगा, अमृतसर और फिरोजपुर सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों में यात्रियों को प्रभावित किया. कुछ मुसाफिरों ने कहा कि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए निजी बसों या टैक्सियों का सहारा लेना पड़ा. कर्मचारी, चालकों के 28 पदों को ‘आउससोर्स’ करने का विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि ‘आउटसोर्स’ के जरिये भर्ती को रद्द किया जाए और विभाग भर्ती के लिए बेहतर नीति तैयार करें. लुधियाना में कर्मचारी संघ के एक नेता ने कहा कि हड़ताल पर अगला फैसला सोमवार को चंडीगढ़ में सरकार के साथ बैठक के बाद लिया जाएगा. 


कर्मचारियों की वेतन में 5 फीसदी बढ़ोतरी की मांग
अमृतसर में प्रदर्शनकारी कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष जोध सिंह ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तब तक बसें ऐसे ही सड़कों से नदारद रहेंगी. उन्होंने कहा कि उनकी मांगों में अस्थायी कर्मचारियों के वेतन में पांच फीसदी बढ़ोतरी की मांग भी शामिल है, जिसका भरोसा दिलाया गया था. लेकिन अभी तक पूरा नहीं किया गया. कर्मचारियों का कहना है कि पंजाब में आप भारी बहुमत से सरकार चला रही है. सरकार अपना वादा पूरा करे. कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें लगता है कि आम आदमी पार्टी की सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी. वही दो हजार बसों के हड़ताल पर रहने की वजह से यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है. यात्रियों को सर्दी के मौसम में बसें ना मिलने से ज्यादा परेशानी हो रही है.  


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