Punjab News: पंजाब में पराली जलाने वाले किसानों पर हई पुलिस कार्रवाई को लेकर किसान संघों के राज्यव्यापी हंगामे के बीच, राज्य में सोमवार को खेतों में पराली जलाने के 634 नए मामले सामने आए. अब पराली जलाने के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 35,093 तक पहुंच गई है. फाजिल्का से पराली जलाने के सबसे ज्यादा 168 मामले दर्ज हुए. स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला (Arpit Shukla) ने बताया कि पुलिस ने 1,084 एफआईआर दर्ज की हैं, जबकि आठ नवंबर तक 7,990 मामलों में 1.87 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. राजस्व रिकॉर्ड में 340 किसानों की रेड एंट्री भी की गई है.
स्पेशल डीजीपी ने बताया कि पुलिस और नागरिक अधिकारियों सहित 1,085 उड़न दस्ते गांवों में पराली जलाने पर निगरानी रख रहे हैं. फाजिल्का के अलावा मोगा में 98, फिरोजपुर में 97, बठिंडा में 55, मुक्तसर में 62, बरनाला में 20, फरीदकोट में 45, संगरूर में 17, लुधियाना में 11, तरनतारन में 12, मानसा में पांच, जालंधर में 10, मालेरकोटला में तीन, अमृतसर में सात और गुरदासपुर में पराली जलाने की पांच घटनाएं दर्ज की गई हैं. वहीं कपूरथला और लुधियाना में पराली जलाने के 11-11 मामले सामने आए, जबकि पटियाला और फतेहगढ़ साहिब में पराली जलाने के चार-चार मामले सामने आए.
बठिंडा राज्य का सबसे प्रदूषित शहर
पराली जलाने के मामलों के बीच बठिंडा 302 की औसत एक्यूआई के साथ राज्य का सबसे प्रदूषित शहर बना हुआ है. इसके बाद जालंधर में एक्यूआई 247, लुधियाना में 220, पटियाला में 209 और अमृतसर में 270, मंडी गोबिंदगढ़ में 190 और खन्ना में 150 है. बता दें पटियाला में किसानों ने मिनी सचिवालय का घेराव किया और प्रवेश द्वार पर ट्रॉलियां खड़ी कर दीं, वहीं फतेहगढ़ साहिब में स्थिति और खराब हो गई, जब भारतीय किसान यूनियन-एकता सिधुपुर के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह दलेवाल के नेतृत्व में किसानों ने पराली से लदी अपनी ट्रॉलियां पार्क कर दीं. पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद उन्होंने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया.
पराली जलाने के मामलों में गिरावट
किसानों ने घंटों तक यातायात बाधित किया, जिससे यात्रियों को असुविधा हुई. इसके बाद पुलिस अधिकारी पहुंचे और प्रदर्शनकारी किसानों को मनाने में कामयाब रहे. पुलिस महानिदेशक, कानून और व्यवस्था, अर्पित शुक्ला, जो पराली जलाने पर नजर रखने के लिए राज्य पुलिस के नोडल अधिकारी भी हैं, उन्होंने दावा किया, “यह लगातार तीसरा दिन है जब राज्य में पराली जलाने के मामलों में कम से कम 28.8 फीसदी की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है.” उन्होंने कहा कि शनिवार और रविवार को राज्य में पराली जलाने के 740 और 637 मामले दर्ज किए गए थे.
अर्पित शुक्ला ने कहा कि पुलिस और सिविल अधिकारियों के कम से कम 1,085 उड़न दस्ते पराली जलाने पर निगरानी रख रहे हैं, जबकि सीपी/एसएसपी जिला स्तर पर किसान नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं और डीएसपी ब्लॉक स्तर पर किसान नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं. उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बारे में बताया जा रहा है. आठ नवंबर से अब तक कम से कम 2,587 ऐसी बैठकें हो चुकी हैं. स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने फील्ड अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें करने और पराली जलाने की जमीनी स्तर की स्थिति की समीक्षा करने के लिए कम से कम तीन पुलिस जिलों-होशियारपुर, एसबीएस नगर और जगराओं का दौरा किया है.
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