Punjab News: पंजाब में अभी भी धड़ल्ले से जलाई जा रही पराली, इस जिले में आए सबसे ज्यादा मामले
Punjab Stubble Burning: पंजाब में पराली जलाने वालों के खिलाफ आरपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है. यह वायु प्रदूषण अधिनियम के तहत 1981 की धारा 37 का भी उल्लंघन है.
Amritsar News: पंजाब (Punjab) में अभी भी पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं. भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार ने सीआरपीसी (CRPC) की धारा 144 के तहत धान के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध लगा रखा है. इसके बावजूद अमृतसर जिले में पराली जलाने को लेकर कोई प्राथिमिकी दर्ज नहीं की गई है. जिले के खेतों में अब तक पराली जलाने की करीब 381 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इस तरह प्रदेश के खेतों में आग लगने की 561 घटनाओं में से अकेले अमृतसर में 68 प्रतिशत मामले हैं.
इसके अलावा जालंधर, पटियाला, फाजिल्का, मुक्तसर, संगरूर, रोपड़ और अन्य जिलों में पराली जलाने को लेकर अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. वहीं बात करें तरनतारन जिले की तो वहां खेतों में पराली जलाने की करीब 69 घटनाएं हुई हैं, लेकिन खैर दिन गांव के सिर्फ 2 भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. पराली जलाने वालों के खिलाफ आरपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है. पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार फसल अवशेष जलाना वायु प्रदूषण अधिनियम के तहत 1981 की धारा 37 का भी उल्लंघन है.
इतने जुर्माने का है प्रावधान
बता दें कि अमृतसर जिला प्रशासन की तरफ से केवल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के तहत नियमों को अवहेलना करने पर 28 किसानों पर 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं एनजीटी के नियमों के अनुसार खेत में आग लगाने के मामले में दो एकड़ से कम भूमि वाले छोटे भूमिधारक पर 2500 रुपये प्रति एकड़ का पर्यावरणीय मुआवजा लगाया जा सकता है. इसके अलावा दो एकड़ से अधिक लेकिन पांच एकड़ से कम भूमिधारकों के लिए जुर्माना 5,000 रुपये है. पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर खेतों में आग लगाने के मामलों की निगरानी करता है. उसकी तरह से ही अमृतसर और तरनतारन में आग लगाने के मामलों की जानकारी दी गई थी.