Punjab News: पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (AAP) ने मंगलवार को कहा कि भगवंत मान सरकार राज्य में पराली जलाने के मामलों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार कदम उठा रही है और इसके परिणाम स्वरूप इस तरह के मामलों में कमी भी आई है. पंजाब में आप के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने बताया कि अब तक किसानों को 1.40 लाख फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं और बड़े पैमाने पर गांवों में जागरुकता कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं.


AAP का दावा पराली जलाने के मामलों में 40 फीसदी की कमी
आप प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने आगे कहा कि अब तक के आंकड़ों के अनुसार, खेतों में पराली जलाने के मामलों में पिछले साल की तुलना में 40 फीसदी की गिरावट आई है. कंग ने बताया कि राज्य सरकार ने अगले खरीफ सीजन से ज्यादा पानी की खपत करने वाली धान की किस्म पूसा-44 की बुआई पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है.


पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को कहा था कि पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश में देखी जा रही हैं, जबकि उनके राज्य में ऐसे मामलों में कमी आ रही है. 


1500 मामले आए सामने
आपको बता दें कि मंगलवार को पंजाब के खेतों में पराली जलाने के 1500 से ज्यादा मामले सामने आए है. लुधियाना में स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पराली जलाने के 1,515 मामले सामने आने के बाद कुल मामलों की संख्या 20,978 पर पहुंच गई है. जिले के हिसाब से देखा जाए तो संगरूर जिले में सबसे ज्यादा पराली जलाने के 397 मामले सामने आए तो वहीं बरनाला में 147, मनसा में 137 इसके अलावा बठिंडा में 129, फिरोजपुर में 97 तो मोगा में 93 और लुधियाना में पराली जलाने की 86 घटनाएं सामने आई है.


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