Parali Burning In Moga: पंजाब (Punjb) में पंजाब में पराली (Parali) जलाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है. अब पंजाब के मोगा (Moga) जिले से किसानों के पराली जलाने का मामला सामने आया है. इसके बाद मोगा में पराली जलाने के माममले में यहां के कृषि विभाग के अधिकारी जसविंदर सिंह बराड़ की प्रतिक्रया सामने आई है. मोगा में पराली जलाने पर कृषि विभाग के अधिकारी जसविंदर सिंह बराड़ ने कहा कि पिछले साल यहां पराली जलाने की 485 घटनाएं सामने आई थीं.
जसविंदर सिंह बराड़ ने कहा "इस साल यहां 321 घटनाएं सामने आई हैं. उन्होंने कहा प्रशासन और कृषि विभाग की टीमें गठित की गई हैं. कार्रवाई की जा रही है प्रत्येक तहसील में फायर ब्रिगेड को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा फायर ब्रिगेड का सारा स्टाफ अपनी ड्यूटी में लगा हुआ है. अगर उनको पता चलता है कि कहीं कोई पराली जलाई जा रही है, तो वो तुरंत जाकर उस आग को बुझा देते हैं. वहीं पंजाब के लुधियाना से भी पराली जलाए जाने का मामला सामने आया है.
किसान क्यों जलाते हैं पराली
बता दें हरियाणा, पंजाब पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब के किसान खास कर के पराली जलाते हैं. गौरतलब है कि किसान अपनी फसल काटने के बाद खेतों में बचे धान के डंठल (पराली) को जलाने का काम करते हैं. किसान फसल के अवशेषों को साफ करने और अपने खेतों को दोबारा बुवाई के लिए तैयार करने के लिए पराली जलाते हैं. पराली जलाने से निकलने वाले धुएं में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम), कार्बन मोनोऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसे हानिकारक प्रदूषक होते हैं. इनका स्थानीय और क्षेत्रीय जलवायु पर अहम प्रभाव पड़ता है.
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