Parali Pollution: देश के कई राज्यों में पराली जलाने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है. दरअसल किसान जल्दी से खेत साफ करने के चक्कर में पराली में आग लगा देते हैं और इसका खामियाजा वायू प्रदूषण के रूप में लोगों को उठाना पड़ता है. पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने से दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण हद से ज्यादा बढ़ चुका है. वहीं पंजाब में इस बार पराली जलाने की कुल घटनाएं 10 हजार 214 दर्ज की गई हैं. वहीं 2021 में कुल मामले 7 हजार 648 ही थे. इस बार पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में 34 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 


हरियाणा में 24 फीसदी कम मामले
वहीं अगर हरियाणा की बात करें तो 2022 में पराली जलाने की कुल घटनाएं एक हजार 701 दर्ज की गई हैं. जबकि 2021 में कुल घटनाएं 2 हजार 252 थी. इस बार हरियाणा में पराली जलाने के मामलों में 24 प्रतिशत की कमी आई है. वहीं दिल्ली और यूपी में भी पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं. दरअसल दिल्ली में 2021 में पराली जलाने के एक भी ममाले नहीं थे. जबकि 2022 में राष्ट्रीय राजधानी में पांच मामले सामने आए हैं. 


राजस्थान में बढ़ी घटनाएं
वहीं यूपी की बात करें तो साल 2021 में यहां 805 मामले सामने आए थे. जबकि 2022 में ये मामले कम होकर 632 हो गए हैं. इसी के साथ यूपी में पराली जलाने की घटनाओं में 21 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इसके साथ ही राजस्थान में साल 2021 में पराली जलाने की 99 घटनाएं सामने आई थी. वहीं इस बार ये मामले बढ़कर 190 तक पहुंच गए हैं. इससे राज्य में पराली जलाने की घटनाओं में 188 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. 


इन राज्यों में कम हुए मामले
वहीं मध्य प्रदेश में ये घटनाएं पिछली बार की अपेक्षा कम हुई है. प्रदेश में 2021 में 518 ममाले सामने आए थे. जबकि इस बार 448 मामले ही सामने आए हैं. इससे मध्य प्रदेश में  14 प्रतिशत की कमी आई है. अगर इन राज्यों की कुल घटनाओं को देखें तो साल 2022 में पराली जलाने की घटनाओं में 17 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. साल 2022 में सबसे ज्यादा मामले पंजाब में दर्ज किए गए हैं. वहीं दिल्ली और राजस्थान में पराली जलाने के ममालों में बढ़ोतरी हुई है. जबकि यूपी, हरियाणा और मध्य प्रदेश में गिरावट दर्ज की गई है. 



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