Chandigarh News: शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने मंगलवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित (Banwari Lal Purohit) से भगवंत मान (Bhagwant Maan) सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने में घोर विफलता के कारण बर्खास्त करने का आग्रह किया है. उन्होंने राज्य सरकार पर शराब और बालू खनन की नीति बनाकर करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप भी लगाया है. मंगलवार को शिअद के अध्यक्ष सुखबीर बादल के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.


'सबूत होने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं'
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को विधानसभा में मुख्यमंत्री के आचरण से अवगत कराया और कहा कि भगवंत मान अपनी कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं हैं. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के इस बयान पर भी हैरानी जताई कि कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों की भ्रष्ट गतिविधियों पर उनके पास पूरा डोजियर है. बादल ने कहा कि यह सच्चाई यह है कि पिछली कांग्रेस सरकार सबसे ज्यादा भ्रष्ट थी, लेकिन इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि मुख्यमंत्री कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों की भ्रष्ट गतिविधियों के सबूत होने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं.


'कांग्रेस नेताओं को चुप करने के लिए डोजियर'
सुखबीर बादल ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार डोजियर का इस्तेमाल कांग्रेस नेताओं को चुप कराने के लिए कर रही है. बादल ने बाद में मीडिया से कहा कि यह विधानसभा में भी देखा गया था, जब पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी में शामिल होने या आप सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अपनी पार्टी के नेताओं के साथ एकजुटता में हाथ उठाने से इनकार कर दिया था.


सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड पर भी बोले
सुखबीर बादल ने पंजाब के सीएम भगवंत मान को गायक सिद्धू मूसेवाला की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने यह भी मांग की कि प्रसिद्ध गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की सीबीआई जांच शुरू की जानी चाहिए. सुखबीर ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर इस बात की शेखी बघारते हुए बयान पोस्ट नहीं किए होते कि मूसेवाला का सुरक्षा घेरा वापस ले लिया गया है, तो गायक आज जीवित होता.


सुखबीर बादल ने कहा कि मामले में सच्चाई तक पहुंचने के लिए सीबीआई जांच जरूरी है. कानून और व्यवस्था को सबसे महत्वपूर्ण बताते हुए बादल ने कहा कि आप के कार्यकाल में गैंगस्टर और जबरन वसूली की संस्कृति आम हो गई थी, जो न केवल उन व्यापारियों को प्रभावित कर रही थी जो राज्य छोड़ रहे थे, बल्कि आम आदमी भी प्रभावित हो रहा था. उन्होंने कहा, कोई भी सुरक्षित नहीं है. यहां तक कि पुलिस थानों पर भी हमले हो रहे हैं, जैसा कि अजनाला में देखा गया, लेकिन इस मामले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया.


बादल ने निवेश शिखर सम्मेलन को बतया फ्लॉप
शिअद अध्यक्ष ने कहा कि इस स्थिति का आप सरकार द्वारा आयोजित निवेश शिखर सम्मेलन पर सीधा असर पड़ा है, जो 'पूरी तरह से फ्लॉप' था. इससे सामाजिक अशांति के अलावा बेरोजगारी भी बढ़ी है. शिअद प्रतिनिधिमंडल ने यह भी आग्रह किया कि सीबीआई द्वारा दिल्ली आबकारी घोटाले की जांच पंजाब तक की जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली के मामले की तरह (अब पूर्व) उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी पंजाब की आबकारी नीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.


'पंजाब में भी हो आबकारी नीति की जांच'
सुखबीर बादल ने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पंजाब में भी आबकारी नीति को अंतिम रूप देने के लिए पंजाब के अधिकारियों के साथ भी बैठकें कीं, जो प्रकृति में एकाधिकारवादी थी और आप के लिए एक मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए डिजाइन की गई थी. इसी तरह काली सूची में डाले बालू खनन ठेकेदार राकेश चौधरी, जिन पर कई मामले दर्ज हैं, को फिर से रेत खनन के ठेके आवंटित कर दिए गए हैं, जिसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है. उन्होंने दोनों घोटालों की स्वतंत्र जांच की मांग की, जो 800 से 900 करोड़ रुपये के दायरे में हैं.


यह भी पढ़ें: Punjab: विधानसभा स्पीकर ने दी चेतावनी- 'पंजाब के पुलिस और अधिकारी लक्ष्मण रेखा में रहें, नहीं तो...'