Punjab Train Services Affected: पंजाब में किसानों ने तीन घंटे के 'रेल रोको' प्रदर्शन के तहत बुधवार (18 दिसंबर) को कई जगहों पर ट्रेन रूट को बाधित कर दिया. प्रदर्शनकारी किसान कई जगहों पर रेल की पटरियों पर बैठ गए, इससे ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं. किसान अपनी फसलों के लिए एमएसपी समेत कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. 


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 'रेल रोको' प्रदर्शन का आह्वान संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की ओर से किया गया था. किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ''किसान दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक कई जगहों पर रेल पटरियों पर बैठे रहे.''
 
किसानों ने किन-किन जगहों पर ट्रेन रूट को किया बाधित?


किसानों ने गुरदासपुर में मोगा, फरीदकोट, कादियान, बटाला, जालंधर में फिल्लौर, होशियारपुर में टांडा, दसूया, माहिलपुर, फ़िरोज़पुर में मक्खू, तलवंडी भाई, लुधियाना में साहनेवाल, पटियाला में शंभू, मोहाली, संगरूर में सुनाम और लहरा, बठिंडा में रामपुरा फूल और अमृतसर में देवीदासपुरा में प्रदर्शन करते हुए ट्रेन रूट को बाधित किया.


पंजाब में कई जगहों पर ट्रेन सेवा प्रभावित


जम्मू से सियालदह तक हमसफर एक्सप्रेस, अमृतसर से मुंबई तक दादर एक्सप्रेस और नई दिल्ली से अमृतसर तक शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस को लुधियाना रेलवे स्टेशन के विभिन्न प्लेटफार्मों पर रोका गया. नई दिल्ली से अमृतसर आ रही शताब्दी एक्सप्रेस को खन्ना रेलवे स्टेशन पर रोका गया.


संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों द्वारा उनके दिल्ली कूच को रोक दिया गया था. पिछले तीन हफ्तों से, पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए आमरण अनशन पर बैठे हैं.


इससे पहले 101 किसानों के जत्थे ने 6 दिसंबर, 8 दिसंबर और फिर 14 दिसंबर को पैदल चलकर दिल्ली में प्रवेश करने के तीन प्रयास किए लेकिन  हरियाणा के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी.


प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें?


प्रदर्शनकारी किसानों अपनी फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी के अलावा, कर्ज़ माफ़ी, किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन, बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं, पुलिस मामलों की वापसी और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 2013 की बहाली, और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना भी उनकी मांगों का हिस्सा है.


ये भी पढ़ें:


लुधियाना के स्कूल में बच्ची की मौत का मामला और गरमाया, परिजनों का पुलिस थाने के बाहर प्रदर्शन