Chandgarh : पंजाब में पिछले दिनों हुई बारिश और अंधड़ ने खेतों में लगी गेहूं की फसल को बहुत अधिक नुकसान पहुंचाया है. पंजाब के विभिन्न जिलों में 25 मार्च को आंधी के साथ बारिश हुई थी. उसके बाद गेहूं की खड़ी फसल खेतों में गिर गई थी. मौसम सही होता तो स्थिति सुधर सकती थी लेकिन फिर 30 और 31 मार्च को बारिश हो गई. रही सही उम्मीद दो अप्रैल को आई बारिश ने धो दी. प्रदेश केविभिन्न जिलों में 35 लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं की फसल लगी है.


गेहूं के उत्पादन में 45 फीसद तक कमी की आशंका 


 करीब 24 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खड़ी फसल के खेतों में बिछ जाने की वजह से इस साल उत्पादन में 45 फीसद तक गिरावट आने की आशंका है. आंकड़ों के मुताबिक सूबे में 170 लाख मीट्रिक टन के करीब गेहूं का उत्पादन होता है. पिछले साल एफसीआई सहित विभिन्न एजेंसियों ने करीब 96 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की थी और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में इसने 28 हजार करोड़ का योगदान दिया था. इस साल बारिश से होने वाले नुकसान की वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार मात्र 55 लाख टन गेहूं का उत्पादन हो पाएगा.


10 से 12 हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका


इस तरह 10 से 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की आशंका है. बताया जाता है कि पंजाब में 1 एकड़ में 30 क्विंंटल तक गेहूं की उपज हो जाती है. इस बार इसके प्रति एकड़ 15 क्विंंटल से अधिक होने का अनुमान नहीं है. सरकार ने 15 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने की घोषणा की है. कृषि अधिकारियों और गिरदावरी में लगे पटवारियों के अनुसार प्रदेश में कम से कम 15 फीसद और अधिकतम 50 फीसद तक गेहूं के नुकसान पहुंचने की बात कही है जबकि किसान अधिक नुकसान होने की बात कह रहे हैं. 


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