Punjab 2022: गुजरे साल में पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत और मनसा में गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या ने सबको चौंकाकर रख दिया तो साल के अंत तक कानून व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर  राजभवन और भगवंत मान सरकार के बीच खींचतान का संकेत अभी से मिलने लगे हैं. इसके अलावा, विरोध प्रदर्शन की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले फिरोजपुर के एक फ्लाईओवर पर कुछ मिनट के लिए फंसना भी हैरान करने वाला साबित हुआ. 


निर्णायक मोड़ पर पंजाब की राजनीति
फरवरी, 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में पंजाब के लोगों ने 'बदलाव' के लिए वोट दिया. नतीजा यह हुआ कि ‘आप’ कांग्रेस, अकाली-बसपा गठबंधन को हराकर पहली बार पंजाब की सत्ता पर काबिज हुई. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी ने 117 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 92 सीटें हासिल की. यह बदलाव 2022 में सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए एक निर्णायक मोड़ माना जा रहा है. 


कानून व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती
लगभग नौ महीने पुरानी भगवंत मान सरकार ने हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने, 20,000 से अधिक सरकारी नौकरियों और भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की पेशकश करके भले ही अपनी पीठ थपथपाई हो, लेकिन मान सरकार को बहुत कम समय में राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर विपक्ष के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, मोहाली में पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय और तरनतारन थाने पर दो रॉकेट-चालित ग्रेनेड हमले हुए तो सीमा पार से ड्रोन के जरिए मादक पदार्थ और हथियारों की तस्करी फिर से बढ़ गया है. पंजाब में लक्षित हत्याएं और गैंगस्टरों द्वारा जबरन वसूली की धमकियों ने राज्य में सुरक्षा एजेंसियों के सामने गंभीर चुनौतियां पेश कर दी हैं. 


मई में मनसा में पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की नृशंस हत्या से राज्य में शोक की लहर दौड़ा गई. उनकी हत्या की जांच में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संलिप्तता सामने आई. माना जा रहा है कि कथित रूप से युवा अकाली नेता विक्की मिद्दुखेरा की हत्या का बदला लेने के लिए पंजाबी गायक मूसेवाला की हत्या हुई. पंजाब पुलिस ने कहा कि बिश्नोई गिरोह का सदस्य कनाडा में रहने वाला गैंगस्टर गोल्डी बराड़ हत्याकांड का मास्टरमाइंड था. इस मामले में  अभी तक चार शूटरों को गिरफ्तार किया गया, जबकि दो को पुलिस ने मार गिराया.


पीएम की सुरक्षा में चूक  
जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री मोदी को फिरोजपुर में एक कार्यक्रम व एक रैली में शामिल हुए बिना उस समय पंजाब से वापस लौटना पड़ा जब उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई नाकेबंदी के कारण फंस गया. इसे “बड़ी सुरक्षा चूक” के रूप में देखा गया.


इन मुद्दों पर देखने को मिला तकरार 
विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को लेकर राजभवन और मान सरकार के बीच तकरार भी सुर्खियों में रही. जब राज्यपाल ने प्रस्तावित विधानसभा सत्र में होने वाले विधायी कामकाज का विवरण मांगा, तो इस पर मुख्यमंत्री मान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा - 'ये तो हद हो गई'. पुरोहित ने मुख्यमंत्री को उनके कर्तव्यों की याद दिलाते हुए पत्र लिखा. अपने पत्र में उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि वह यानि सीएम उनसे 'बहुत ज्यादा नाराज' हैं. राजभवन और ‘आप’ सरकार के बीच विवाद तब और बढ़ गया जब पुरोहित ने प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. गुरप्रीत सिंह वांडर को बीएफयूएचएस के वीसी के रूप में नियुक्त करने से इनकार कर दिया. राज्यपाल ने पीएयू के वीसी एसएस गोसाल की नियुक्ति को पूरी तरह से अवैध करार देते हुए उन्हें हटाने को कहा.


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