Bathinda News: अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों को उनके देशों में वापस डिपोर्ट किया जा रहा है. इनमें भारतीय भी हैं. भारतीय नागरिकों को लेकर अमेरिकी मिलिट्री का एक और विमान रविवार रात को अमृतसर पहुंचा. वापस लौटने वाले हर शख्स की अपनी कहानी और आपबीती है. कैसे उन्हें एजेंट ने अपने झांसे में लिया और किस तरह डंकी रूट में उन्हें तकलीफों का सामना करना पड़ा. इनमें से एक पंजाब के नवदीप सिंह भी हैं.


यह 8 महीने में दूसरी बार होगा जब नवदीप को आठ महीने में दूसरी बार अमेरिका से डिपोर्ट किया जाएगा. उनके परिवार ने उन्हें अमेरिका भेजने के लिए 55  लाख रुपये खर्च किए थे लेकिन ये पैसे भी बर्बाद हुए और बेटा भी लौटकर भारत आ रहा है. नवदीप अभी केवल 21 साल का ही है.


गांव में बेटे का हो रहा है इंतजार
पंजाब के फिरोजपुर जिले के तरनवाला गांव के रहने वाले नवदीप सिंह का परिवार उनका इंतजार कर रहा है. नवदीप के पिता कश्मीर सिंह मिठाई की दुकान चलाते हैं. नवदीप ने फिरोजपुर के गुरु नानक कॉलेज से ग्रैजुशन किया है और वह भी मिठाई की दुकान पर कभी कभी काम करता था. हालांकि उसने कहा था कि मिठाई बनाने में उसे शर्म महसूस होती है. नवदीप का परिवार चाहता था कि वह नौकरी करे लेकिन उसने अमेरिका जाने का फैसला किया. 


परिवार ने जमीन बेचकर किया पैसों का इंतजाम
परिवार ने एक एकड़ जमीन बेचकर 40 लाख रुपये जुटाई और कर्ज लेकर पिछले साल उसके अमेरिका जाने की तैयारी की. हालांकि पनामा पहुंचने पर पनामा  सिटी में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और पिछले साल जून में वापस भारत भेज दिया गया था. 


दो-दो बार टूटा अमेरिका जाने का सपना
नवदीप दो महीने ही घर पर रहा और फिर ट्रैवल एजेंट से मिला जिसने उससे 15 लाख और मांगे. वह फिर से अमेरिका जाना चाहता था. उसके परिवार ने फिर पैसे इकट्ठे किए. इन सारी कोशिशों के बाद वह दो महीने पहले ही अमेरिका पहुंचा था लेकिन पहुंचने के दो सप्ताह बाद ही पकड़ा गया. अमेरिकी प्रशासन ने 27 जनवरी को उसे डिटेंशन सेंटर में डाल दिया.जिसके बाद परिवार से उसका संपर्क टूट गया. उसके परिवार को दो दिन पहले अमेरिका से सूचित किया गया है कि उसे भारत भेजा जा रहा है. नवदीप का अमेरिका में सेटल होने का सपना भी टूट गया और परिवार के पैसे भी बर्बाद हो गए.



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