'हम सोमालिया जैसी सर्विस पाने के लिए इंग्लैंड की तरह टैक्स देते हैं', संसद में बोले राघव चड्ढा
Raghav Chadha News: आप सांसद राघव चड्ढ़ा ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आम लोग 10 रुपये कमाते हैं तो उसमें से तीन से साढ़े तीन रुपये आप इनकम टैक्स के माध्यम से दे देते हैं.
Raghav Chadha On Taxes: आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढ़ा ने राज्यसभा में बजट 2024 को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में टैक्स लगा लगाकर सरकार ने देश के आम आदमी का खून चूस लिया. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हम सोमालिया जैसी सर्विस पाने के लिए इंग्लैंड की तरह टैक्स देते हैं.
आप सांसद ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा, ''आप 10 रुपये कमाते हैं तो उसमें से तीन से साढ़े तीन रुपये आप इनकम टैक्स के माध्यम से दे देते हैं. दो रुपये ढाई रुपये जीएसटी आपका चूस लेता है. दो रुपये आपका कैपिटल गेन टैक्स लगता है. सेस सरचार्ज एक या डेढ़ रुपये के लग जाते हैं.''
We pay taxes like England
— Raghav Chadha (@raghav_chadha) July 25, 2024
To get service like Somalia pic.twitter.com/dwdqoeI2cX
आम इंसान को मिलता क्या है- राघव चड्ढा
उन्होंने आगे कहा, ''10 रुपये में से 7 या 8 रुपये तो सरकार के खजाने में चला जाता है तो आम इंसान को मिलता क्या है? सरकार हमसे जो इतना टैक्स लेती है, उसके बदले में सरकार हमें देती क्या है? कौन सी ऐसी अंतरराष्ट्रीय सेवाएं दी जाती हैं. क्या वर्ल्ड क्लास हेल्थकेयर, शिक्षा, ट्रांसपोर्ट सेवाएं सरकार देती है? आज मुझे कहने में बिल्कुल भी गुरेज नहीं है कि हम सोमालिया जैसी सेवा पाने के लिए इंग्लैंड की तरह टैक्स देते हैं''
बजट ने हर वर्ग को नाराज किया- राघव चड्ढा
आप नेता ने ये भी कहा, ''जब कभी भी बजट प्रस्तुत किया जाता है तो देश के कुछ वर्ग बजट से खुश होते हैं तो कुछ वर्ग नाराज होते हैं. इस बार सरकार ने वो अचीव कर लिया, जिसे प्राप्त करना संभव ही नहीं था. इस बजट से सरकार ने देश के हर वर्ग को लगभग नाराज किया. बीजेपी के अपने समर्थक और वोटर्स भी इस बजट से बेहद निराश हैं.
रूरल इन्फ्लेशन बढ़ रहा- राघव चड्ढा
उन्होंने कहा, ''इस देश में आज रूरल इन्फ्लेशन बढ़ रहा है. ग्रामीण बेरोजगारी, इनकम में असमानता, हाई इनपुट कॉस्ट, लो इनकम, नो एमएसपी के चलते आलम ये हैं कि रूरल इनकम ग्रोथ वित्तीय वर्ष 2023-24 में काफी घटा है. किसानों की आय दोगुना करने का वादा था, स्वामिनाथन आयोग के मुताबिक एमएसपी देने का वादा था. ये वादे जब पूरे नहीं हुए तो आलम ये है कि पिछले 25 महीने में ग्रामीण मजदूरी में काफी गिरावट दर्ज की गई है.
ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी का 5% वोट शेयर घटा- राघव चड्ढा
राघव चड्ढ़ा ने आगे समझाते हुए कहा, ''2014 में एक दिहाड़ी मजदूर एक दिन की अपनी दिहाड़ी से 3 किलो अरहर की दाल खरीद सकता था और आज वही दिहाड़ी मजदूर वर्ष 2024 में एक दिन की मजदूरी से डेढ़ किलो अरहर की दाल खरीद पा रहा है. मतलब ये है कि महंगाई भी बढ़ रही है और उसकी आमदनी भी घट रही है. इसका नतीजा ये हुआ कि ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी का 5 फीसदी वोट शेयर घट गया.''
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