Farmer Protest: तीन कृषि कानूनों को रद्द करने वाला बिल लोकसभा में पारित होने पर किसान नेता राकेश टिकैत की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. राकेश टिकैत का कहना है कि तीन कृषि कानूनों के रद्द करने वाले बिल का लोकसभा में पारित होना आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 750 किसानों को ऋद्धांजलि है. राकेश टिकैत ने हालांकि साफ कर दिया है बाकी मांगें जब तक नहीं मानी जाती हैं तब तक आंदोलन जारी रहेगा. एसकेएम ने 4 दिसंबर को अहम बैठक बुलाई है.


राकेश टिकैत ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बिल के लोकसभा में पारित होने के तुरंत बाद प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ''बिल का लोकसभा में पारित होना किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 750 किसानों के लिए ऋद्धांजलि है. हमारा आंदोलन जारी रहेगा क्योंकि सरकार ने हमारी एमएसपी और बाकी मांगों को नहीं माना है.''


चार दिसंबर को बुलाई गई अहम बैठक


संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से हालांकि आंदोलन को आगे जारी रखने को लेकर आखिरी फैसला नहीं लिया गया. संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 नवंबर को एक अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक के बाद एसकेएम ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उठाये गए छह मांगों को फिर से दोहराया, जिसमें एमएसपी की कानूनी गारंटी, विद्युत संशोधन विधेयक, 2020-2021 के मसौदे को वापस लेने और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021 में किसानों पर दंडात्मक प्रावधानों को हटाना शामिल है.


आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ झूठे मामलों की वापसी, राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी, किसान आंदोलन के शहीदों के परिवारों को मुआवजा एवं पुनर्वास तथा उनकी स्मृति में सिंघू मोर्चा पर स्मारक निर्माण के लिए भूमि आवंटन करना भी शामिल है. एसकेएम की ओर से 4 दिसंबर को एक और अहम बैठक बुलाई गई है.


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