Punjab News: रेप और हत्या के आरोप में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) के मुखिया गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) को पिछले हफ्ते 21 दिन की फरलो मिली थी. राम रहीम की फरलो को पंजाब विधानसभा चुनाव के साथ जोड़कर देखा जा रहा था. लेकिन रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आए हुए राम रहीम को एक हफ्ता हो चुका है और उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी के समर्थन को लेकर कुछ नहीं कहा है. 


अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक डेरा सच्चा सौदा का राजनीतिक पैनल अनुनायियों से समर्थन के लिए सुझाव ले रहा है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अधिकतर अनुयायी किसी एक पार्टी का समर्थन करने से बचना चाहते हैं. 


संगरूर से डेरा सच्चा सौदा के सीनियर अनुयायी ने कहा, ''अगस्त 2017 में अनुयायियों पर हरियाणा में जो अत्याचार हुआ था हम उसे नहीं भूल सकते हैं. वहां बीजेपी की सरकार थी. 2007 के विधानसभा चुनाव में हम कांग्रेस का समर्थन किया और शिरोमणि अकाली दल ने सरकार बनने के बाद हमारे साथ बुरा व्यवहार किया. कांग्रेस ने हमें एग्नोर किया है. 2017 में आप का सर्मथन करने पर भी हमें कुछ नहीं मिला.''


मालवा में है प्रभाव


राम रहीम को फरलो मिलने से पहले कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने डेरा सच्चा सौदा के चक्कर लगाए हैं. बीजेपी नेता सुरजीत और हरजीत पिछले महीने डेरा सच्चा सौदा के दरबार में पहुंचे थे. बीजेपी हालांकि राम रहीम को फरलो मिलने के पीछे किसी भी तरह की भूमिका से इंकार कर रही है.


बता दें कि पंजाब में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायियों की अच्छी खासी तादाद है. मालवा की 27 विधानसभा सीटों पर डेरे का प्रभाव माना जाता है. फिरोजपुर में डेरा सच्चा सौदा के 90 हजार अनुयायी हैं जबकि फाजिलका में इनकी संख्या करीब 58 हजार है.


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