Punjab & Haryana HC on Ram Rahim Parole: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा चीफ गुरमीत राम रहीम की पैरोल याचिका को लेकर हरियाणा सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा है. हाईकोर्ट ने सोमवार (20 मई) को राज्य सरकार से एक हलफनामा दाखिल करने को कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति का हवाला देते हुए कितने पैरोल खारिज कर दिए गए हैं क्योंकि इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं की अदालत में भरमार हो गई है.


यह घटनाक्रम बाबा गुरमीत राम रहीम की ओर से उस आदेश को रद्द करने के लिए दायर एक आवेदन पर सुनवाई के दौरान आया, जिसमें हाई कोर्ट  ने उसे 10 मार्च (जिस दिन उनकी वर्तमान पैरोल समाप्त हो रही थी) को आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था और हरियाणा सरकार से अदालत की अनुमति के बिना उनकी पैरोल पर विचार नहीं करने को कहा था.


हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से हलफनामा मांगा


लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक एक्टिंग चीफ जस्टिस जी.एस. संधावालिया और जस्टिस लापीता बनर्जी ने याचिकाकर्ता और राज्य अधिकारियों को एक जनहित याचिका में दायर उपरोक्त आवेदन पर नोटिस जारी किया. राम रहीम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता चेतन मित्तल ने कहा कि यह आदेश उनके अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है क्योंकि वह हरियाणा अच्छे आचरण कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम, 2022 के अनुसार इस वर्ष 20 और दिनों की पैरोल और 21 दिनों की छुट्टी के लिए पात्र हैं. अन्य समान रूप से जेल में रखे गए दोषियों को भी ये दिया गया है.


उन्होंने आगे दलील दी कि इसी आदेश में कोर्ट ने हरियाणा सरकार से हलफनामा मांगा है कि राम रहीम के समान आपराधिक पृष्ठभूमि वाले और तीन मामलों में सजा काट चुके कितने लोगों को पैरोल का लाभ दिया गया है. मित्तल ने कहा, "यह राज्य की ओर से दायर किया गया है, इसलिए, आदेश को संशोधित किया जाना चाहिए और राज्य को उनके आवेदन (पैरोल के लिए) पर विचार करने की अनुमति दी जानी चाहिए."


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