Haryana News: हरियाणा कांग्रेस इस बार खट्टर सरकार को मात देकर अपनी सियासी जमीन तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. इसके लिए वो हर बार बेरोजगारी से लेकर भ्रष्टाचार और अन्य सभी मुद्दों पर हरियाणा सरकार को घेरती नजर आती है. कांग्रेस की ‘SRK’ टीम बीजेपी-जेजेपी की गठबंधन सरकार पर हावी रहती है. इसी कड़ी में  कांग्रेस की ‘SRK’ टीम के ‘S’ यानि सुरजेवाला ने एक बार फिर खट्टर सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने CET पर मुद्दें पर खट्टर सरकार को घेरा है. साथ ही 5 मांगे भी की हैं.


सुरजेवाला ने ट्वीट कर की ये 5 मांग


• ग्रुप 56 व 57 का पेपर फ़ौरन रद्द हो. 
• HSSC बर्खास्त हो. 
• पेपर सेटर एजेंसी ब्लैक लिस्ट हो. 
• CET परीक्षा की त्रुटियां दूर हों.
• सभी CET क्वालिफाइड 3,59,000 युवाओं को परीक्षा में बैठने का मौक़ा मिले.


सुरजेवाला ने खट्टर सरकार से पूछे सवाल


• क्या खट्टर सरकार अब युवाओं की सुध लेगी?
• क्या खट्टर सरकार अब अपनी गलती मानेगी? 
• क्या खट्टर सरकार अब HSSC को बर्खास्त करेगी?
• क्या अब ग्रुप 56 और ग्रुप 57 का पेपर कैंसिल करने के अलावा कोई रास्ता बचा है?
• क्या सब CET क्वालिफाइड 3,59,000 युवाओं को नए सिरे से नौकरी की परीक्षा में बैठने का मौक़ा नहीं देना चाहिए?


‘युवाओं की जिंदगी बर्बाद ना करें’


कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ट्वीट में आगे लिखा कि-खट्टर साहेब, राज धर्म हठ धर्म नहीं, राज धर्म लोगों की पीड़ा समझने और शासन की ज़िम्मेवारी से चलता है. मुख्यमंत्री जी, अब तो लाखों बेज़ार और बेहाल युवाओं की पीड़ा जान कर ये फ़ैसले करें.  ये हरियाणा के बच्चे हैं, नौकरी तो जब मिलेगी तब मिलेगी, आप इनसे कोशिश करने का मौक़ा छीन कर इनकी ज़िंदगी बर्बाद न करें. 


जानिए क्या है पूरा मामला


दरअसल, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा हरियाणा में ग्रुप सी के 32 हजार पदों के लिए भर्ती परीक्षा करवाई गई. इस भर्ती परीक्षा के ग्रुप 56 की परीक्षा में 41 सवाल रिपीट हो गई थे, जो पहले की परीक्षा में आ चुके थे. इसके जिम्मेदारी अब पेपर बनाने वाली एजेंसी ने ली है. शुक्रवार को एजेंसी के एमडी और अन्य अधिकारियों ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी के साथ बैठक की सवाल रिपीट होने पर लिखित में खेद जताया. अब आयोग एजेंसी पर कार्रवाई को लेकर निर्णय ले सकता है. आयोग एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने के साथ-साथ पेपर का खर्चा भी उससे वसूल कर सकता है. फिलहाल विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार को घेरने में लगा है.  


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