Punjab Election: पंजाब विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) को बड़ी कामयाबी मिली है. पंजाब के दिग्गज नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा (Ranjit Singh Brahmpura) ने 'घर वापसी' करने का फैसला किया है. रणजीत सिंह अपने समर्थकों के साथ एक बार फिर से शिरोमणि अकाली दल में शामिल होने जा रहे हैं. 


रणजीत सिंह लंबे वक्त तक प्रकाश सिंह बादल और सुखदेव सिंह ढिंढसा के बाद शिरोमणि अकाली दल के सबसे बड़े नेता रहे हैं. लेकिन 2019 में रणजीत सिंह ने अकाली दल मुखिया सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ मोर्चा बुलंद कर दिया था और उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था. इसके बाद रणजीत सिंह ढिंढसा की अगुवाई वाले शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) का हिस्सा बने थे.


रणजीत सिंह पिछले कई दिनों से सुखदेव सिंह ढिंढसा का साथ छोड़ने के संकेत दे रहे थे. दरअसल, शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के नेता सुखदेव सिंह ने बीजेपी नेताओं से गठबंधन को लेकर मुलाकात की जिसका रणजीत सिंह ने विरोध किया. रणजीत सिंह ने साफ कर दिया था कि अगर ढिंढसा बीजेपी के साथ जाते हैं तो वह पार्टी छोड़ देंगे. 


ढिंढसा के खिलाफ खोला था मोर्चा


रणजीत सिंह ने बीजेपी के साथ गठबंधन करने पर शिरोमणि अकाली दल में फूट होने का दावा भी किया. उन्होंने कहा, ''हमने शिरोमणि अकाली दल में वापसी करने का फैसला किया है. ढिंढसा के बीजेपी नेताओं से मिलने का पार्टी के अंदर विरोध था.''


बता दें कि शिरोमणि अकाली दल ने अब तक 91 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है लेकिन खादौर सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है. इस सीट से रणजीत सिंह और उनके बेटे चुनाव लड़ते हैं.


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