Punjab News: शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी बलवंत सिंह राजोआणा की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की थी. लेकिन अब इस बात को लेकर विवाद खड़ा हो रहा है. इस मामले को लेकर लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी है. रनवीत बिट्टू ने सवाल खड़ा किया है कि सुखबीर बादल और हरसिमरत बादल लगातार बलवंत सिंह राजोआना को रिहा करवाना चाहते हैं.


रवनीत बिट्टू का कहना है कि इससे पंजाब की कानून व्यवस्था खराब हो सकती है. रवनीत बिट्टु ने PM से यह जाँच करवाने का भी आग्रह किया है कि क्यों सुखबीर बादल अक्सर राजोआणा को रिहा करने की बात करते हैं इसकी भी जाँच होनी चाहिए कि सुखबीर बादल की इसके पीछे मंशा क्या है?


बता दें कि राजोआणा को पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर विस्फोट में शामिल होने के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी. सचिवालय के बाहर 31 अगस्त 1995 को हुए इस धमाके में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह और 16 अन्य लोगों की मौत हो गई थी.


सुखबीर सिंह बादल ने की यह मांग


सुखबीर ने कहा कि राजोआणा पिछले 26 साल से जेल में है, जो उम्रकैद की सजा से अधिक है. शिअद प्रमुख ने ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अन्य सिख कैदियों को भी रिहा करने का आग्रह किया, जिन्होंने आजीवन कारावास अधिक समय जेल में व्यतीत किया है . उन्होंने 18 अप्रैल को प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा, ''केंद्र सरकार ने 2019 में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व की पूर्व संध्या पर भाई राजोआणा की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने की मंजूरी दी थी.''


सुखबीर सिंह बादल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी यही अपील की है.


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