Harjinder Singh: 'नशे की हालत मे पहुंचा था पाकिस्तान, नहीं थी वतन लौटने की उम्मीद', हरजिंदर सिंह ने इन शब्दों में...
Harjinder Singh reaction on Pakistan Jail: पाकिस्तान की जेल से छूट कर अपने घर लौटे हरजिंदर सिंह के चेहरे पर अभी भी पाकिस्तान का खौफ है. उन्होंने कहा कई भारतीय कैदी अपना मानसिक संतुलन गवां चुके हैं.
Punjab News: पाकिस्तानी जेलों में अपनी सजा पूरी कर चुके कई भारतीय कैदियों को भारत-पाकिस्तान समझौते के तहत रिहा किया गया है. हाल ही में रिहा किए गए तीन कैदियों में से एक हरजिंदर सिंह (Harjinder Singh) है, जो सीमावर्ती जिले गुरदासपुर के कलानौर के कामलपुर गांव का है, जो गलती से नशे की हालत में सीमा क्षेत्र में मछली पकड़ने के दौरान पाकिस्तान की तरफ चला गया और उसे सीमा पर पाकिस्तान के रेंजर्स द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया. हरजिंदर सिंह भले ही पाकिस्तान की जेल से छूटकर वापस आ गया है लेकिन उनके चेहरे और उनकी बातों से जेल का डर आज भी साफ नजर आ रहा है.
हरजिंदर सिंह ने बताया कि पाकिस्तान की लाहौर जेल में अभी भी 15 भारतीय कैदी हैं, जिनमें से कई अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और इन कैदियों में औरते भी शामिल हैं. हरजिंदर सिंह और उनके परिवार ने सरकार से अपील की है के पाकिस्तान में कैद भारतीयों की रिहाई के लिए भी सरकार कुछ करे.
2 माह बाद हुए सूरज के दर्शन
पाकिस्तान से वापिस लोटे हरजिंदर सिंह ने बताया कि मई 2020 में वह गलती से नशे की हालत में पाकिस्तान सीमा में घुस गया था. इसी दौरान उसे पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ लिया था. उसे सियालकोट की गोरा जेल के तहखाने में फेंक दिया गया था, जहां उसे दो माह तक शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.हरजिंदर सिंह ने कहा कि उसे दिन-रात लगातार 10 से 12 घंटे खड़ा रखा गया और दो महीने तक अंधेरी कोठरी में बंद रहने के बाद उसे सूरज के दर्शन हुए. हरजिंदर सिंह ने कहा कि लाहौर जेल में बंद कई भारतीय युवाओं के साथ कुछ महिलाएं भी बंद हैं. कई भारतीय कैदी अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं. वह भारत सरकार और भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि मैं नर्क की जिंदगी से बाहर निकल आा हूं. मुझे परिवार से मिलने का मौका मिला. जब पाकिस्तानी जेल कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि उसे सुबह रिहा कर दिया जाएगा, तो उन्हें यकीन नहीं हुआ.
39 माह बाद लौटा घर
हरजिंदर की मां कुलविंदर कौर और दादी ने बताया कि हरजिंदर तीन साल एक महीने के बाद घर लौटा है. वह हर महीने सुखमनी साहिब का पाठ कर अलग-अलग जगह पूजा-अर्चना कर उसकी घर वापसी की दुआ करते थे. अब खुदा ने उस पर मेहरबानी की है और बेटा घर वापिस आ गया है. उन्होंने इसके लिए सरकार को धन्यवाद दिया और अपील की है कि सरकार पाकिस्तान की जेलों में बंद अन्य भारतीय युवा कैदियों को रिहा करने का प्रयास करे.
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