Punjab News: पंजाब बीजेपी में विरोध के स्वर लगातार बढ़ते जा रहे है. पार्टी में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति के बाद से ही पार्टी के अंदर विरोध रूपी लहर चलने लगी है. दरअसल, कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड और अन्य कई कांग्रेस और अकाली दल के नेताओं को बीजेपी के नए पदाधिकारियों के पद दिए गए थे. जिसके बाद बीजेपी के ही पुराने नेता इसका विरोध करने लगे. पंजाब बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह ग्रेवाल ने भी इसका विरोध किया.
ग्रेवाल को पार्टी ऑफिस में नहीं मिला प्रवेश
पंजाब बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह ग्रेवाल पंजाब बीजेपी के मुखिया सुनील जाखड़ और नई कार्यकारिणी के विरोध में बैठक करने वाले थे. पार्टी हाईकमान ने उन्हें बैठक करने से रोक दिया. यहीं नहीं चंडीगढ़ के सेक्टर 37 के बीजेपी मुख्यालय में यह बैठक बुलाई गई थी. लेकिन हाईकमान के इशारे पर सुखविंदर सिंह ग्रेवाल और उनके कार्यकर्ताओं को मुख्यालय में प्रवेश तक नहीं करने दिया गया. सुखविंदर सिंह ग्रेवाल ने खुद ये आरोप लगाए है.
छोटी-छोटी कलेक्शन करके खोला था कार्यालय
सुखविंदर सिंह ग्रेवाल का कहना है कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें ये प्रस्तावित बैठक ना करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि सेक्टर 37 में बीजेपी कार्यालय बनाने में उन्होंने अथक मेहनत की थी औऱ आज उन्हें उस कार्यालय में ही प्रवेश नहीं दिया गया, उन्होंने कहा कि 1992 से 2022 तक तीन दशकों में यह नौबत आ गई है कि किस कार्यालय को हमने चंदे के छोटी-छोटी कलेक्शन करके खोला था. उसमें बीजेपी के पुराने नेता और कार्यकर्ता प्रवेश नहीं कर पा रहे है. ग्रेवाल ने कहा कि 30 साल लगाकर जिन लोगों ने कार्यालय बनवाया था वो दफ्तर के बाहर बैठे है और बाहर से पार्टी में आए नेता अंदर बैठे है.
पार्टी के लोगों को किया नजरअंदाज
ग्रेवाल का कहना है कि सुनील जाखड़ की तरफ से जो नई कार्यकारिणी बनाई गई है. उसमें पार्टी के कुछ नेताओं को छोड़कर सभी को नजरअंदाज किया गया है. कांग्रेस से आए लोगों को कार्यकारिणी में शामिल किया गया है. उन्होंने कहा कि जो बाहर से आ रहा है वो बीजेपी की सीट पर कब्जा कर रहा है. उन्हें ही चुनाव लड़ाए जा रहे है.
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