Ram Rahim News: डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) के प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) से बड़ी राहत मिली है. राम रहीम को पैरोल दिए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने इस याचिका की मेंटेनेबिलिटी पर सवाल उठाए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि एक इंसान के खिलाफ याचिका को जनहित याचिका कैसे माना जाए. हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार (Haryana Government) को एचसी अरोड़ा (HC Arora) की रिप्रेजेंटेशन को एक हफ्ते में निपटारा करने के निर्देश दिए हैं.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित डिवीजन बैंच ने याचिका का निपटारा करते हुए सरकार को आदेश दिया कि इस बाबत याचिकाकर्ता ने मुख्य सचिव को जो मांग पत्र दिया हुआ है, उस पर सरकार उचित निर्णय लें. याचिका में आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार ने अपने 2020 के नियमों के खिलाफ ही गुरमीत को पैरोल दी है.
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'नियमों की अवहेलना कर राम रहीम को दी गई पैरोल'
हाईकोर्ट के वकील एचसी अरोड़ा द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि हरियाणा सरकार ने नियमों की अवहेलना कर गुरमीत राम रहीम को यह पैरोल दी है. नियमों के अनुसार पैरोल लेने वाला जिस जगह ठहरता है, उस जिले के डीएम से पहले राय ली जाती है, ताकि कानून व्यवस्था की कोई दिक्कत न हो, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया. इससे यह संभावना रहती है कि अपराधी पैराेल के लिए उस जगह को चुनता है जंहा उसे आजादी रहे.
याचिका में कहा गया- पंजाब सरकार से ली जानी चाहिए थी राय
याचिका में कहा गया कि इस समय पंजाब की स्थिति काफी गंभीर है. डेरा प्रमुख सीधे तौर पर पंजाब को प्रभावित करता है. ऐसे में डेरा प्रमुख को पैरोल दिए जाने से पहले पंजाब सरकार से राय ली जानी चाहिए थी. डेरा प्रमुख पैरोल पर आने के बाद इंटरनेट मीडिया के माध्यम से काफी सक्रिय है, जो कानून व्यवस्था को खराब करने का एक कारण बन सकता है. याचिका में आरोप लगाया गया कि डेरा प्रमुख को पैरोल देते समय हरियाणा सरकार ने शर्त भी नहीं लगाई. पैरोल नियमों के अनुसार स्थानीय थाने को उसकी गतिविधी पर नजर रखने और मोबाइल आदि के प्रयोग पर रोक होनी चाहिए, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ, बल्कि डेरा प्रमुख इंटरनेट मीडिया पर गाने गा रहा है. कोर्ट से उसके गाने हटाने और पैरोल को रद्द करने की मांग की गई.