Haryana News: हरियाणा के रेवाड़ी (Rewari) जिले में एक बुजुर्ग 13 साल बाद फिर जिंदा हो गया. आपको इस बात पर विश्वास न हो. लेकिन ये सच है. दरअसल, रेवाड़ी जिले के बावल के गांव खेड़ा मुरार निवासी दाताराम पुत्र बिहारी को 13 साल पहले सरकारी रिकॉर्ड में मृत घोषित कर दिया गया था. इसकी जानकारी उन्हें तब हुई, जब वो पेंशन बनवाने के लिए सरकारी कार्यालय में गए. वहां के कर्मचारी ने बताया सरकारी दस्तावेज के अनुसार उनकी मौत हो चुकी है. इसके बाद दाताराम अपनी फाइल लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे, अब जाकर उन्हें सरकारी कागजों में जिंदा किया गया है.


गांव खेड़ा मुरार निवासी दाताराम के जीवन में 58 साल तक सबकुछ ठीक चलता रहा, लेकिन जब वो पेंशन जैसी सुविधाओं को पाने के लिए सरकारी कार्यालय जाने लगे तो उन्हें वहां के कर्मचारियों ने बताया कि वो सरकारी कागजों में मर चुके हैं. ये सुनकर दाताराम भी हैरान रहे गए. वो फाइल को लेकर एक से दूसरे अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिए. उनकी सरकारी अधिकारियों से सिर्फ एक ही फरियाद थी कि उन्हें सरकारी कागजों में जिंदा किया जाए, क्योंकि सरकारी कागजों में मरा हुआ होने पर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.


मंत्री ने बुजुर्ग को दी ये जानकारी


इसके बाद जब उनकी किसी अधिकारी ने नहीं सुनी तो वो थका हराकर बैठ गए. आखिरकार गुरुवार को वो दिन आया जब 13 साल बाद वो सरकारी कागजों में जिंदा हुए. मंत्री डा. बनवारी लाल गुरुवार के गांव पहुंचे तो उन्होंने बुजुर्ग को मंच पर बुलाकर बताया कि वो जिंदा हो गए हैं. अब उन्हें जल्द ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने लग जाएगा. आखिर कागजों में दाताराम को क्यों मृत घोषित किया गया था. इसके पीछे की वजह सेम नाम के व्यक्ति की मौत होना बताया जा रहा है. दूसरे दाताराम आर्मी में नौकरी करते थे, जिनकी मृत्यु हो गई थी, जबकि बुजुर्ग दाताराम खेतीबाड़ी का काम करते हैं. 


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