Himachal News: अप्रैल में पहाड़ो पर सामान्य से आठ डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ गया है. जिस वजह से हिमालय की चारों घाटियों सतलुज, ब्यास, रावी और चिनाब में तेजी से बर्फ पिघली रही है. जलवायु परिवर्तन केंद्र शिमला की ओर से सेटेलाइट से मिली जानकारी के अनुसार हर बार यह बर्फ जून महीने में पिघलती थी. 


वहीं इस बार दो महीनें पहले अप्रैल में ही पहाड़ी की बर्फ पिघल गई है. चारों घाटियों में 2020-21 में बर्फ पिघलने की दर मार्च व अप्रैल में 4 से 10 प्रतिशत थी जो 2021-22 में 19 से 25 प्रतिशत दर्ज की गई है.  जिस तेजी से अप्रैल में तापमान बढ़ा, यह किसी बड़े खतरे का आसार है. अब सतलुज घाटी में 33, रावी में 21, ब्यास में 36 और चिनाब घाटी में 66 प्रतिशत बर्फ रह गई है. 


पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के सदस्य सचिव ललित जैन ने कहा, अप्रैल में बहुत अधिक तापमान बढऩे के कारण बर्फ तेजी से पिघल रही है. वहीं सामान्य से आठ डिग्री अधिक तापमान घाटियों में दर्ज किया गया है. साथ ही चिनाब और रावी पीर पंजाल रेंज के साथ हैं. पीर पंजाल ने ही इस क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ को नियंत्रित किया. इससे दिसंबर-फरवरी के दौरान इन दोनों घाटियों में कम बर्फ गिरी थी, जबकि सतलुज और ब्यास में खूब बर्फबारी हुई थी.


दरअसल फरवरी में हिमाचल प्रदेश में खूब बर्फबारी देखने को मिली थी. हिमाचल प्रदेश में भारी बर्फबारी का दौर जारी है. भारी बर्फबारी से शिमला सहित अन्य पर्वतीय जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राज्य में भारी बर्फबारी के कारण अप्पर शिमला सहित सैंकड़ों गांवों का जिला मुख्यालयों से संपर्क टूट गया है. तीन राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा 681 सड़कें बंद हो गई हैं. जिसके कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं रास्तों में फंसे पर्यटकों को भी दिक्कतें उठनी पड़ रही हैं. 


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