Haryana News: हरियाणा के रेवाड़ी जिले में सहकारिता विभाग से संबंधित एकीकृत सहकारी विकास परियोजना विंग में अधिकारियों के गबन का मामला सामने आया है. यहां केंद्र सरकार से मिली 22 करोड़ रुपये सहायता राशि को अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलकर सरकार को ही चपत लगा दी. एसीबी ने इस मामले में आइसीडीपी विंग की सहायक रजिस्ट्रार एवं महाप्रबंधक अनु कौशिक को गिरफ्तार किया है. यहीं नहीं उसके बैंक खाते में 1.30 करोड़ रुपये होने का भी खुलासा हुआ है.
केंद्र से किसानों के लिए सहायता के लिए आती है राशि
आपको बता दें कि एकीकृत सहकारी विकास परियोजना विंग सहकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. इस विंग के जरिए किसानों को कृषि व कृषि आधारित उद्योगों, कुटीर व घरेलू उद्योगों, मत्स्य, डेयरी व पशुधन समेत कई क्षेत्रों में सहकारी समितियों के माध्यम से विभिन्न आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाता है. इस विंग के द्वारा केंद्र से मिलने वाली सहायता राशि से किसानों के हित में योजनाएं संचालित की जाती है. पैक्स सोसाइटियों में गोदाम बनाने का काम भी इसी विंग द्वारा किया जाता है. साल 2018 से 2022 तक आइसीडीपी विंग के पास रेवाड़ी जिले में केंद्र सरकार से 22 करोड़ रुपये सहायता राशि आई थी. इस दौरान अंबाला के सहकारिता विभाग में तैनात सहायक रजिस्ट्रार अनु कौशिक को रेवाड़ी जिले के आइसीडीपी विंग के महाप्रबंधक का भी चार्ज दिया गया था. लेकिन 4 सालों तक अनु कौशिक द्वारा केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि का कही इस्तेमाल नहीं किया गया.
अन्य आरोपी कर्मचारियों भी जल्द होगी गिरफ्तारी
इसके बाद अनु कौशिक ने स्टाफ के अन्य कई सदस्यों के साथ मिलकर इस सरकारी राशि का गबन कर लिया गया. इस मामले में अब अनु कौशिक की गिरफ्तारी हो चुकी है, वहीं जल्द ही अन्य कर्मचारियों की गिरफ्तारी भी कर ली जाएगी. रेवाड़ी सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारीलाल का गृह जिला भी है. सहकारिता मंत्री द्वारा इस पूरे मामले के जांच के आदेश दिए गए है.
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