पेरिस ओलंपिक को मिस कर रही हैं साक्षी मलिक, बृजभूषण शरण सिंह का जिक्र कर कही ये बात
Sakshi Malik News: ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने कहा कि मुझे ओलंपिक की बहुत याद आती है. मुझे रेसलिंग पर भरोसा है. रेसलिंग से प्यार करने वाला ही जान सकता है कि मेडल कितना अहम है.
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Sakshi Malik On Olympics 2024: पेरिस ओलपिंक 2024 में रेसलिंग प्रतियोगिता को लेकर साक्षी मलिक ने अपने देश के खिलाड़ियों को लेकर भरोसा जताया है. उन्होंने ओलंपिक को मिस करते हुए कहा कि इस बार रेसलिंग से तीन से चार मेडल आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि जिस दिन ओपनिंग थी, उस दिन भी ओलंपिक के बारे में बात की थी और चाहती हूं कि सभी जीतें.
उन्होंने कहा, ''रेसलिंग से प्यार करने वाला ही जान सकता है कि मेडल कितना महत्वपूर्ण है और बाकी अगर देखा जाए तो अबकी बार तीन से चार मेडल आने की उम्मीद है क्योंकि विनेश, अंतिम, अंजू हैं. मेरे अखाड़े की निशा है. मेरी जूनियर लगा लो या मेरी बहन कह लो, कुछ भी लगा लो. इनसे उम्मीद है.''
Watch: "I miss Olympics a lot. I believe in wrestling, we will win four medals," Olympic bronze medalist Sakshi Malik pic.twitter.com/7Q4Zhs9qvc
— IANS (@ians_india) August 1, 2024
काश मैं भी वहां होती- साक्षी मलिक
ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने आगे कहा, ''अमन जो 57 किलोग्राम में जो लड़का है, वो भी काफी उभरता हुआ और काफी यंग रेसलर है. आप मान लें कि तीन से चार मेडल आने चाहिए. याद तो बहुत आती है और ओलिंपिक देख रही हूं तो थोड़ा लग रहा है कि काश मैं भी वहां होती. ये सभी को लगता है.''
एथलीट का करियर छोटा होता है- साक्षी मलिक
साक्षी मलिक ने ये भी कहा, ''एक एथलीट का वैसे ही बहुत छोटा सा करियर होता है. खासकर रेसलिंग का तो वैसे ही करियर बहुत छोटा होता है और गेम्स में तो लंबा चल सकता है. बाद में तो मिस करते ही हैं. सभी को लगता है कि वहां होते. वो फिलिंग ही अलग है. जब से ओलंपिक चल रहा है तो मेरे अंदर के भाव हैं, वो काफी अलग से हैं.''
वो ठीक है कि हम अपना ड्यूटी कर रहे हैं. मैं अखाड़ा संभालती हूं. मेरा खुद का अखाड़ा है. लेकिन वो फिलिंग तो अलग ही है कि गेम्स विलेज में जाना, खेलना और एथलीट से मिलना''.
बृज भूषण शरण सिंह का भी किया जिक्र
उन्होंने एक बार फिर से बृज भूषण शरण सिंह का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ओलिंपिक को मिस तो करते ही हैं लेकिन वही बात है कि मूव ऑन तो करना ही है. कब तक रेसलिंग के पीछे पड़े रहेंगे. अगर रेसलिंग में सुधार होता और बृजभूषण शरण सिंह और उसके आदमी नहीं होते तो शायद हमें कहीं न कहीं वैल्यू मिलती.
साक्षी मलिक ने आगे कहा, ''दुख सिर्फ इसी बात का है कि लंबी लड़ाई लड़ी और उसके बाद भी हमें कही नहीं पूछा जा रहा है. तो दुख है. रेसलिंग से थोड़ा दूर कर दिया गया है. क्योंकि मैं इकलौती महिला है ओलंपिक पद विजेता तो मेरी भागीदारी जरुर होनी चाहिए. मैं भी पेरिस में जाकर मैच देखती. उम्मीद तो बहुत ज्यादा कर ही रही हूं.''
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