Punjab News: पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा (Aman Arora) को मारपीट के एक मामले में गुरुवार को अदालत से राहत मिली है. संगरूर (Sangrur) कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी है. उन्हें पहले दो साल की सजा सुनाई गई थी. फिलहाल 31 जनवरी तक उनकी सजा पर रोक है. इसी से संबंधित मामले पर हाई कोर्ट में भी सुनवाई होनी है.
निचली अदालत से राहत मिलने के बाद अब वह 26 जनवरी को झंडा फहरा सकेंगे. कोर्ट के फैसले के बाद अमन अरोड़ा का बयान आया है. मीडिया से बातचीत में अमन अरोड़ा ने कहा, ''मैं न्यायपालिका और हाई कोर्ट का आभार जताता हूं जहां भी मामले की सुनवाई होनी है. सच्चाई की जीत हुई है. सजा पर रोक लगाई गई है. हजारों-लाखों लोगों का आभार जताता हूं जिन्होंने मेरे लिए दुआ मांगी. पार्टी नेतृत्व का भी आभार जताता हूं जिन्होंने इतना होते हुए भी मुझपर भरोसा जताया.''
15 साल पुराने मामले में मिली थी सजा
अमन अरोड़ा को 15 साल पुराने पारिवारिक मामले में दो साल की सजा सुनाई गई थी. इसके खिलाफ उन्होंने ऊपरी अदालत में याचिका दाखिल की थी. साल 2008 की यह घटना है. जिसमें अमन अरोड़ा के जीजा राजेंद्र दीपा ने मारपीट के आरोप लगाए थे. अरोड़ा के जीजा शिरोमणि अकाली दल के नेता हैं. अमन को जब सजा सुनाई गई थी तो उनका कहना था कि राजनीतिक विद्वेष के कारण बवाल मचाया गया है क्योंकि जब यह घटना हुई थी तब दोनों परिवारों के बीच समझौता हो गया था. समझौता तोड़कर मेरे और मेरी मां पर आरोप लगाए गए. दरअसल, दिसंबर महीने में कोर्ट ने अमन अरोड़ा और उनकी मां दोनों को सजा सुनाई थी.
अमन अरोड़ा ने कहा था कि उनके ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं वे गलत है. हमारी तरफ से कोई हमला नहीं किया गया था जबकि जीजा ने ही घर वालों के ऊपर हमला किया था. अमन अरोड़ा का कहना है कि इस हमले में उन्हें भी चोट लगी थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. (अनिल जैन की रिपोर्ट)
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