क्या खट्टर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, कौन होगा हरियाणा बीजेपी का नया अध्यक्ष? जानें सबकुछ
Haryana News: संजय भाटिया हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के काफी करीब माने जाते हैं. वो नायब सिंह सैनी की जगह बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं.
Haryana Politics: हरियाणा की राजनीति में भारी उठापटक के बीच मंगलवार (12 मार्च) का दिन काफी अहम रहा. प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा बदल गया. मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी को राज्य की कमान सौंप दी गई. नायब सिंह सैनी के मुख्यमंत्री बनने के बाद हरियाणा बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मंथन जारी है. बीजेपी के नए प्रमुख के लिए संजय भाटिया का नाम सामने आ रहा है. सूत्रों के मुताबिक सैनी की जगह संजय भाटिया (Sanjay Bhatia) को बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है.
संजय भाटिया हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के काफी करीब माने जाते हैं. संजय भाटिया पंजाबी चेहरा हैं और उन्होंने 2019 के चुनाव में 6.5 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से कहा कि संजय भाटिया सैनी की जगह ले सकते हैं.
मनोहर लाल खट्टर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?
सूत्रों के मुताबिक हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर अब लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी उन्हें करनाल से मैदान में उतार सकती है. मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी-जेजेपी गठबंधन टूटने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और डिप्टी सीएम दुष्यन्त चौटाला सहित उनके पूरे मंत्रिमंडल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद बीजेपी विधायकों की बैठक के दौरान अगले मुख्यमंत्री के लिए नायब सिंह सैनी का नाम सर्वसम्मति से तय किया गया.
नायब सिंह सैनी की ओबीसी पर पकड़!
नायब सिंह सैनी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले और बाद में मनोहर लाल खट्टर के पैर छुए. सैनी के साथ कंवर पाल गुर्जर, मूलचंद शर्मा, रणजीत सिंह चौटाला, जे.पी. दलाल और बनवारीलाल ने मंत्री पद की शपथ ली. बताया जा रहा है कि वह राज्य में चुनाव होने तक सात महीने के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे. सैनी राज्य में करीब 8 फीसदी ओबीसी समुदाय पर मजबूत पकड़ रखते हैं. सैनी जाति की कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला, हिसार और रेवाड़ी जिलों में अच्छी खासी आबादी है.
अनिल विज क्यों हुए नाराज?
हरियाणा में मंगलवार को शपथ ग्रहण समारोह निर्धारित समय से 20 मिनट पहले शुरू हो गया था. इस समारोह में बीजेपी के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री अनिल विज नहीं पहुंचे. अनिल विज मनोहर लाल खट्टर की सरकार में गृह और स्वास्थ्य मंत्री थे. वह सैनी का नाम प्रस्तावित होते ही सुबह की बैठक से उठकर चले गए. बताया जा रहा है कि वो नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से नाराज हैं. हालांकि मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि वो बीजेपी के काफी वरिष्ठ नेता हैं और स्वभाव से वो कभी कभी नाराज हो जाते हैं. उन्होंने दावा किया कि वो जल्द ही मान जाएंगे.
2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कितनी सीटें?
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने बताया कि सैनी की शीर्ष पद पर पदोन्नति को गैर-जाट और ओबीसी मतदाताओं को खुश करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. इसके अलावा, यह खट्टर के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का मुकाबला करने का भी एक प्रयास है, जो 2014 से सत्ता में थे. हरियाणा की राजनीति में जाट यानी जमींदार समुदाय, जो राज्य की आबादी का लगभग 25 फीसदी हिस्सा है और इनका समर्थन मोटे तौर पर कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के बीच बंटा हुआ है.
बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि ओबीसी होने और खट्टर के करीबी होने के अलावा, आरएसएस के साथ पुराने जुड़ाव ने भी सैनी को मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने में मदद की.
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