Punjab Election 2022 : नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन चलाने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों से बनाई दूरी
Punjab Election 2022 : नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से अधिक समय तक आंदोलन करने वाले संयुक्ति किसान मोर्चा ने शनिवार को अपने आंदोलन की समीक्षा की.

नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (Sanukat Kisan Morcha) ने एक बड़ा कदम उठाया है. उसने पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसान संगठनों से खुद को अलग कर लिया है. मोर्चा ने कहा है कि कोई भी राजनीतिक दल या किसान नेता मोर्चे का इस्तेमाल चुनाव में नहीं कर सकता है.
कहां हुई संयुक्त किसान मोर्चा की समीक्षा बैठक
दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को एक समीक्षा बैठक की. इसके बाद किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि चुनाव लड़ रहे संगठन कुछ समय के लिए संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं हैं. उन्होंने कहा, '' हमने 13 महीने तक किसी भी राजनीतिक दल के किसी भी नेता को अपने मंच पर नहीं आने दिया. कुछ संगठनों की ओर से राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ने का फैसला हड़बड़ी में लिया गया है. हम इससे सहमत नहीं हैं.'' हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि इन संगठनों के साथ संबंध की समीक्षा चार महीने बाद की जाएगी.
कौन-कौन संगठन लड़ रहे हैं पंजाब विधानसभा का चुनाव
संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल 22 संगठनों ने 25 दिसंबर को संयुक्त समाज मोर्चा के नाम से अपना राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की थी. भारतीय किसान यूनियन के नेता बलवीर सिंह राजेवाल को इसका चेहरा बनाया गया है. यह मोर्चा अगले महीने होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में सभी 117 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा.
UP Election 2022: सीएम योगी के गोरखपुर से चुनाव लड़ने पर अखिलेश ने कसा तंज, बोले-BJP ने पहले ही....
वहीं भारतीय किसान यूनियन की हरियाणा ईकाई के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने भी अपनी अलग पार्टी बनाई है. उनकी पार्टी का नाम संयुक्त संघर्ष मोर्चा है. चढ़ूनी ने कहा है कि वो खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे.लेकिन उनकी पार्टी की योजना पंजाब की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की है.
शनिवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में इस मुद्दे पर मतभेद भी उभरकर सामने आए. भारतीय किसान यूनियन उग्राहा गुट के प्रमुख जोगिंदर सिंह उग्राहा का कहना था कि मोर्चा ने किसी भी किसान संगठन से अपना संबंध नहीं तोड़ा है. इस बैठक में चढूनी तो शामिल हुए, लेकिन बलवीर सिंह रजोवाल बैठ में नहीं आए. उनके न आने के पीछे व्यक्तिगत कारण बताया जा रहा है.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

