Farmer Protest: किसान आंदोलन की बाकी बची हुई मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा एक्शन में नज़र आ रहा है. जल्द ही मांगे पूरी नहीं करने पर संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने दोबारा आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बारे में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम एक पत्र भी लिखा है. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि आंदोलन खत्म होने के बाद से किसानों से लगातार हो रही वादाखिलाफी के खिलाफ यह रोष पत्र है. 


एसकेएम ने लिखा है कि, ''आपके माध्यम से हम सरकार को चेतावनी देते हैं की वो किसान के धैर्य की परीक्षा लेना बंद करे. हमने 11 से 17 अप्रैल के बीच एमएसपी की कानूनी गारंटी सप्ताह आयोजित करने का फैसला किया है. अगर तब तक भी सरकार अपने आश्वासन पर अमल नहीं करती है तो किसानों के पास आंदोलन को दोबारा शुरू करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचेगा.''


संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे कहा, ''हम आपसे फिर अनुरोध करते हैं कि आप केंद्र सरकार को उसके लिखित वादों की याद दिलाएं और इन्हे जल्द से जल्द पूरा करवाएं. लखीमपुर खेरी कांड में न्याय सुनिश्चित करवाएं.''


किसानों ने लगाया मांगे पूरी नहीं होने का आरोप


एसकेएम ने सरकार के आश्वासन पर भरोसा कर दिल्ली बॉर्डर से अपने मोर्चे उठाने का ऐलान किया. एसकेएम का आरोप है कि सरकार अपने वादों से मुकर ही नहीं गयी है बल्कि किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने का काम भी कर रही है. 


एमएसपी गारंटी कानून को लेकर केंद्र सरकार ने कमेटी बनाने का एलान किया था. लेकिन एसकेएम का कहना है कि  अब तक सरकार ने न तो कमेटी के गठन की घोषणा की है, और न ही कमेटी के स्वरूप और उसकी मैंडेट के बारे में कोई जानकारी दी है. 


एसकेएम ने अपने लेटर में आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुए केस अब तक वापस नहीं होने का आरोप भी लगाया है. इसी तरह एसकेएम ने लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला भी उठाया है. किसानों के मुताबिक अभी भी किसानों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है और इन किसानों को जमानत नहीं मिली है.


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