Farmer Protest: संयुक्त किसान मोर्चा में आई दरार, संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से बुलाई गई अलग मीटिंग
Farmer Protest: संयुक्त किसान मोर्चा चुनाव लड़ने वाले संगठनों से दूरी बनाकर रखना चाहता है. लेकिन संयुक्त समाज मोर्चा अब अलग से मीटिंग बुलाने का एलान कर चुका है.
Farmer Protest: किसान आंदोलन की अगुवाई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा दो हिस्सों में बंट चुका है. संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने को कहा कि उसका उन दो किसान संगठनों से कोई संबंध नहीं है जिन्होंने पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ा था. पंजाब चुनाव में हिस्सा लेने वाले संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से 21 मार्च को आगे की रणनीति तय करने के लिए लखीमपुर खीरी में मीटिंग बुलाई गई है.
एसकेएम ने पंजाब चुनाव लड़ने वाले दोनों ही संगठनों पर उसके नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. उसने उन लोगों के विरूद्ध अनुशानात्मक कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी जो इन दोनों संगठनों के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हैं.
एसकेएम के बयान के अनुसार जनवरी में अपनी बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया था कि उससे जुड़ा कोई भी संगठन यदि विधानसभा चुनाव में पार्टी बनाता है तो वह मोर्चा का हिस्सा नहीं होगा. बयान में कहा गया कि मोर्चा ने यह भी तय किया था कि यदि जरूरत हुई तो विधानसभा चुनाव के बाद अप्रैल में इस फैसले पर पुनर्विचार किया जाएगा.
14 मार्च को बुलाई गई थी बैठक
एसकेएम ने कहा कि इस फैसले के बाद जिन किसान यूनियनों एवं नेताओं ने दल बनाये एवं संयुक्त समाज मोर्चा एवं संयुक्त संघर्ष पार्टी के नाम पर पंजाब में चुनाव लड़ा, वे कम से कम अप्रैल तक एसकेएम से बाहर हैं.
एसकेएम की सात सदस्यीय समन्वय समिति ने 14 मार्च को यहां गांधी पीस फाउंडेशन में सभी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलायी थी. बयान में कहा गया है, ''लेकिन मोर्चा के फैसले का इंतजार किये बगैर ही बलबीर सिंह राजेवाल के संयुक्त समाज मोर्चा और गुरनाम सिंह चढूनी की संयुक्त संघर्ष पार्टी जबरन सभास्थल पर पहुंच गयी और सभागार पर काबिज होकर समानांतर बैठक करने लगे.''
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