Punjab Election: पंजाब चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके संयुक्त समाज मोर्चा की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. संयुक्त समाज मोर्चा (SSM) में शामिल किसान संगठनों को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. संयुक्त समाज मोर्चा ने हालांकि साफ कर दिया है कि चुनावी मैदान में उतरने के अपने एलान पर कायम रहेंगे.
अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त समाज मोर्चा ने स्वीकार किया है कि एसकेएम के कदम से उन्हें नुकसान पहुंचा है. हालांकि संयुक्त समाज मोर्चा का ये भी कहना है कि अब चुनाव से पीछे हटने में देरी हो चुकी है. संयुक्त समाज मोर्चा की ओर से लुधियाना में उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट को लेकर चर्चा करने के लिए मीटिंग भी बुलाई गई.
संयुक्त समाज मोर्चा ने इस मीटिंग में एसकेएम के कदम से पहुंचे नुकसान पर भी चर्चा की. आम आदमी पार्टी लगातार संयुक्त समाज मोर्चा पर बीजेपी की बैकिंग होने के आरोप लगा रही है. संयुक्त समाज मोर्चा के बीच ये आरोप भी चर्चा का विषय बने हुए हैं.
फैसले पर कायम रहेगा एसकेएम
संयुक्त समाज मोर्चा के नेता ये भी चाहते हैं कि एसकेएम अपने फैसले पर दोबारा विचार करे. लेकिन एसकेएम पहले ही साफ कर चुका है कि अब इस फैसले पर दोबारा चर्चा नहीं होगी. बीकेयू उगराहां के मुखिया जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना है कि फैसले को अब वापस नहीं लिया जाएगा. उगराहां ने यह भी साफ किया कि संयुक्त किसान मोर्चा के नाम का इस्तेमाल किसी भी राजनीतिक फायदे के लिए नहीं किया जा सकता है.
पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है. पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे.
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