Haryana News: हरियाणा में ई-टेंडरिंग को लेकर सरपंचों और सरकार के बीच चल रहा विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. सरपंच एसोसिएशन के पदाधिकारी की मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से बैठक के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पाया है. सरपंचों का प्रतिनिधित्व कर रहे एक संगठन ने ई-टेंडरिंग के खिलाफ प्रदर्शन किया और कहा कि राज्य सरकार के साथ वार्ता में उनकी मुख्य मांगों पर आम सहमति नहीं बन पाने के कारण वे अब 17 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे.
17 मार्च को विधानसभा का घेराव
सरपंचों संगठन के पदाधिकारियों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि ई-टेंडरिंग नीति से ग्रामीण इलाकों में विकास कार्यों के लिए कोष खर्च करने की उनकी शक्तियों को सीमित कर देगी. वहीं ई-टेंडरिंग नीति को लेकर हरियाणा सरकार का कहना है कि इससे विकास कार्यों में पारदर्शिता लाएगी, गुणवत्ता सुनिश्चित करेगी और समयबद्ध तरीके से उनके पूरे होने का मार्ग प्रशस्त करेगी. हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने दावा किया कि उनके और मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के बीच गुरुवार शाम को हुई लंबी बैठक में कोई वांछित परिणाम नहीं निकला. शुक्रवार को अधिकारियों के साथ हुई वार्ता भी बेनतीजा रही. हरियाणा सरपंच एसोसिएशन के प्रमुख रणबीर सिंह ने अब हम 17 मार्च को विधानसभा का घेराव किया जाएगा अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
सरकार के खिलाफ सरपंचों में आक्रोश
पंचकूला पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज की वजह से हरियाणा के सरपंच भड़के हुए है. सरपंच सरकार पर अत्याचार करने और तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगा रहे है, उनका तो ये तक कहना है कि अब गांवों में बीजेपी और जेजेपी के विधायकों तक को घुसने नहीं दिया जाएगा. वही आपको बता दें कि 4 मार्च को हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरपंचों को रातोंरात धरने से हटा दिया गया था. वही 1 मार्च को सीएम आवास का घेराव करने जा रहे सरपंचों पर पंचकूला में लाठीचार्ज भी किया गया था. जिसके बाद चार हजार सरपंचों के खिलाफ आईपीसी के धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था.
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