Punjab News: पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट द्वारा शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) को एक हफ्ते के अंदर खाली करवाने के आदेश पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर (Sarvan Singh Pandher) का जवाब आया है. पंढेर ने कहा कि हाई कोर्ट के इस फैसले को लेकर हम अपने वकीलों से बात कर रहे हैं और आदेशों की कॉपी पढ़ाने के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा.
पंढेर ने मीडिया से बातचीत में कहा, ''हमने दोनों किसान संगठनों की 16 जुलाई को बैठक बुलाई है और उसे बैठक में ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी. किसान पहले ही साफ कर चुके हैं कि यह रास्ता किसानों ने नहीं रोका, हरियाणा सरकार ने हमें जाने से रोकने के लिए रास्ता बंद किया हुआ है.''
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने आदेश दिए है कि एक सप्ताह के अंदर शंभू बॉर्डर को खुलवाया जाए. इसके साथ ही हाई कोर्ट ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के भी आदेश दिए हैं. इसके अलावा खनौरी बॉर्डर पर किसान शुभकरण सिंह की मौत की जांच के लिए एसआईटी के गठन के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने झज्जर के पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व में एसआईटी बनाकर जांच करने को कहा है.
लोगों के रोजगार पर पड़ रहा है असर
दरअसल, नेशनल हाइवे-44 किसान आंदोलन के कारण बीते पांच महीने से प्रभावित हुआ है. ऐसे में अंबाला के एक वकील ने हाई कोर्ट में शंभू बॉर्डर को खुलवाने के लिए याचिका दाखिल की थी. इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह आदेश दिया है. याचिका में कहा गया था कि बॉर्डर बंद होने के कारण दुकानदारों, रेहड़ी वालों के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. उनकी आजीविका इससे प्रभावित हो रही है.
बॉर्डर बंद होने से NHAI को भी नुकसान
बता दें कि 13 फरवरी 2024 को किसान आंदोलन के कारण शंभू टोल प्लाजा बंद पड़ा है. रास्ता बंद रहने के कारण आम जनता तो परेशान है ही जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है.
ये भी पढ़ें- Punjab: बीजेपी के इन तीन सिख नेताओं को मिले धमकी भरे पत्र, ‘गद्दार’ बताते हुए क्या-क्या लिखा?