'कंगना रनौत के बयान से BJP ने किनारा कर लिया लेकिन...', किसान नेता पंढेर ने की ये मांग
Sarwan Singh Pandher News: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि बीजेपी को बोलना चाहिए कि कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने बयान के ऊपर माफी मांगें और रनौत को इस पर माफी मांगनी चाहिए.
Sarwan Singh Pandher On Kangana Ranaut: किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने फिल्म एक्ट्रेस और हिमाचल के मंडी लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद कंगना रनौत के बयान को लेकर बीजेपी को घेरा है. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी ये मानती है कि कंगना रनौत का बयान उचित नहीं है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, ''बीजेपी ने नेशनल लेवल पर कंगना रनौत के बयान से किनारा कर लिया है. लेकिन वो बीजेपी की सांसद हैं. ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.''
कंगना रनौत को माफी मांगनी चाहिए- सरवन सिंह पंढेर
उन्होंने आगे कहा, ''अगर बीजेपी यह मानती है कि कंगन रनौत का ये बयान उचित नहीं है. ये गलत दिया गया बयान है तो उनके ऊपर पार्टी को कार्रवाई करनी चाहिए. और पार्टी को बोलना चाहिए कि कंगना रनौत अपने बयान के ऊपर माफी मांगे. कंगना रनौत को माफी मांगनी चाहिए.''
किसानों-मजदूरों से पंढेर की अपील
अंबाला के शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन स्थल से उन्होंने आगे कहा, ''31 अगस्त को लाखों किसान और मजदूर इन बॉर्डर पर इकट्ठे होंगे. उत्तर भारत के सभी राज्यों के किसान, मजदूर, माताओं और बहनों को हम अपील कर रहे हैं कि वो इस दिन अधिक से अधिक संख्या में पहुंचें."
बीजेपी ने कंगना रनौत के बयान से किया किनारा
बीजेपी ने कंगना रनौत के उस विवादित बयान से असहमति जताते हुए किनारा कर लिया. साथ ही पार्टी की ओर से सांसद रनौत को हिदायत भी दी कि वह इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें. बीजेपी ने कहा, ''सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है."
कंगना रनौत ने क्या कहा था?
दरअसल, कंगना रनौत ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि अगर देश का नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो भारत में भी 'बांग्लादेश जैसी स्थिति' पैदा हो सकती थी. कंगना के इस बयान से पूरे देश में सियासत गरमा गई. उन्होंने यह भी दावा किया कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान लाशें लटकाई जा रही थीं और रेप की घटनाएं हो रही थीं.
ये भी पढ़ें: हरियाणा चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग पर क्या है EC का रुख? BJP-INLD ने की थी मांग