Modi Surname Case: 'राहुल गांधी जल्दी ही संसद में...' सुप्रीम फैसले पर सामने आया सत्यपाल मलिक का पहला बयान
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को SC से बड़ी राहत मिली. जिसको लेकर कांग्रेसी नेताओं समेत अन्य विपक्षी पार्टी के नेताओं ने उन्हें बधाई दी है. पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक की भी प्रतिक्रिया आई है.
Delhi News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) का भी बयान सामने आया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत! राहुल गांधी पर मानहानि के मुकदमे में सजा पर रोक का सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है. ये सच्चाई एवं न्याय की जीत है. मैं उम्मीद करता हूं कि राहुल गांधी आप जल्दी ही संसद में वापसी करेंगे ओर जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाएगें.'
SC ने राहुल गांधी की सजा पर लगाई रोक
आपको बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए मोदी सरनेम मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राहुल गांधी पर दोष सिद्धि तक सजा पर रोक लगाई है. राहुल गांधी ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी.
नफ़रत के खिलाफ मोहब्बत की जीत।#राहुल_गांधी पर मानहानि के मुक़दमे में सजा पर रोक का #सुप्रीम_कोर्ट का फैसला स्वागतयोग्य है। ये सच्चाई एवं न्याय की जीत है। मैं उम्मीद करता हूं कि #RahulGandhi आप जल्दी ही संसद में वापसी करेंगे ओर जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाएगें- #SatyapalMalik pic.twitter.com/YDzMk6sGxS
— Satyapal Malik 🇮🇳 (@SatyapalmalikG) August 5, 2023 [/tw]
क्या है मोदी सरनेम मानहानि मामला
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कर्नाटक के कोलार में कांग्रेस की एक रैली हुई थी. इस दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरनेम का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है? राहुल गांधी के इस बयान को लेकर गुजरात बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज करवाया था. राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज हुआ था. इस मामले को लेकर इसी साल मार्च में गुजरात कोर्ट ने राहुल को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुना दी थी. जिसकी वजह से उनकी लोकसभा की सदस्यता भी रद्द हो गई थी. यहीं नहीं उन्हें अपना सरकारी आवास भी खाली करना पड़ा था. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में राहुल गांधी की तरफ से याचिका दायर की गई थी.
यह भी पढ़ें: Delhi Ordinance Bill: दिल्ली अध्यादेश पर AAP को आई भगत सिंह की याद, कहा- ‘काले अंग्रेज गोरे अंग्रेजों की जगह...'