Punjab News: पंजाब के ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने शुक्रवार को विभाग में लगभग 121 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा करने का दावा किया और अधिकारियों को सतर्कता ब्यूरो को सौंपने का आदेश दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह घोटाला कुछ अधिकारियों और सरपंचों द्वारा नियमों का उल्लंघन कर पंचायत भूमि की बिक्री से प्राप्त धन का एक हिस्सा कथित तौर पर निकाल लेने से संबंधित है.


6 सरपंचों सहित दर्जनों अधिकारियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मंत्री ने अधिकारियों को घोटाले को लेकर छह सरपंचों सहित विभाग के लगभग एक दर्जन अफसरों के खिलाफ तुरंत आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. पंचायत मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि लुधियाना-2 ब्लॉक की सलेमपुर, सेखेवाल, सेल्कियाना, बौंकर गुजरान, कडियाना खुर्द और धनांसु की पंचायतों को इन गांवों की सैकड़ों एकड़ पंचायती जमीन का अधिग्रहण होने के बाद 252.94 करोड़ रुपये प्राप्त हुए लेकिन 120.87 करोड़ रुपये निकाल लिए गए. यह राशि विभाग के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ सरपंचों की कथित मिलीभगत से निकाली गई. 


मंत्री ने मामले की जांच के दिए आदेश
मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि जब मामला उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत एक संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी की देखरेख में टीम द्वारा गहन जांच का आदेश दिया. आपसी मिलीभगत के जरिए फिक्स डिपॉजिट से 120.87 करोड़ रुपए की राशि बिना खर्च किए ही निकाल ली गई. जबकि सरकार की मंजूरी के बिना किसी को भी ऐसी एफडी निकालने का अधिकार नहीं है. एफडी से मिले ब्याज को ही तकनीकी अधिकारियों की सलाह से प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति लेकर गांव के विकास कार्यों में खर्च किया जा सकता है. मंत्री ने अधिकारियों को आगे की जांच विजिलेंस ब्यूरो को सौंपने का निर्देश देते हुए कहा कि आरोपी सरपंचों और अधिकारियों से पैसे की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसके साथ जांच में सहयोग ना करने पर एचडीएफसी बैंक, यश बैंक, इक्विटास बैंक और एक्सिस बैंक को भी ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है.


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