Punjab News: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) के एक प्रतिनिधिमंडल ने नौ सिख कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर गुरुवार को पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित (Banwarilal Purohit) से मुलाकात की. शीर्ष गुरुद्वारा निकाय ने दावा किया कि जेल की सजा पूरी करने के बावजूद नौ सिख कैदी अलग-अलग जेलों में बंद हैं. एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी (Harjinder Singh Dhami) के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को बंदी सिखों की रिहाई के लिए हस्ताक्षर अभियान के तहत लोगों की ओर से भरे गए 26 लाख दस्तावेजों का विवरण भी सौंपा.
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति सिख कैदियों की रिहाई की मांग कर रही है, जिनमें पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या मामले में दोषी बलवंत सिंह राजोआना और 1993 के दिल्ली बम विस्फोट के दोषी देविंदरपाल सिंह भुल्लर भी शामिल हैं. राजोआना और भुल्लर के अलावा एसजीपीसी गुरदीप सिंह खेड़ा, जगतार सिंह हवारा, लखविंदर सिंह लक्खा, गुरमीत सिंह, शमशेर सिंह, परमजीत सिंह भियोरा और जगतार सिंह तारा की रिहाई की भी मांग कर रही है.
बेअंत सिंह की हत्या की सजा काट रहा है हवारा
गुरदीप सिंह खेड़ा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और टाडा अधिनियम सहित कई धाराओं के तहत दर्ज मामले में 30 साल से अधिक समय से आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. उसे 2015 में कर्नाटक की एक जेल से अमृतसर जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था. हवारा, बेअंत सिंह की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. लाखा, गुरमीत और शमशेर भी इसी मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. SGPC अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद मामला गृह मंत्रालय के विवेक पर है. SGPC का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात करेगा और उनसे अपील की जाएगी कि उनके और अन्य बंदी खिखों पर निर्णायक कार्रवाई की जाए.
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