Punjab News: संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के बाद भड़की हिंसा मामले में पुलिस ने पहले 25 लोगों को गिरफ्तार किया है और सात एफआईआर दर्ज की हैं. इस बीच इस मामले को लेकर पंजाब के शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'अगर तुम लीडर होते तो मोहम्मद रसूल अल्लाह की सुन्नत के मुताबिक सबसे आगे खड़े रहते. इसके बाद अपनी कौम को समझाते.'


उन्होंने कहा, "ये आपको नहीं उन तमाम मुसलमान लीडरों और बड़े-बड़े मुल्लों को सुना रहा हूं, जो कॉन्फ्रेस करने में मशरूफ हैं और मुसलमानों के बच्चों पर नाजायज मुकदमे लग रहे हैं. उनको गोलियों का निशाना बनाया सिर्फ इसलिए क्योंकि उस वक्त जब मुसीबत की घड़ी आई, दुख की घड़ी तो तुम बैठकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तुम अपनी कौम की हिफाजत करने मौके पर नहीं गए. तुम लीडर नहीं हो, सौदेबाज हो."


मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने क्या कहा?
मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने कहा, "अगर तुम लीडर होते तो मोहम्मद रसूल अल्लाह के सुनत के मुताबिक, सबसे आगे खड़े रहते. इसके बाद अपनी कौम को समझाते. मैं मुसलमानों से कहता हूं कि तुम किन बेईमानों के पीछे लगकर इन पुलिसवालों के साथ लड़े और बच्चे भी मरवाए, मुकदमे भी लगवाए. उन बेईमानों के पीछे लगकर जो कभी दुख दर्द में तुम्हारे साथ आकर नहीं खड़े हुए."


उन्होंने कहा, "जो लोग एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के, एक प्रेस नोट के, एक कोर्ट में वकील करवाने और 25 साल बाद रिहाई के समय अपनी पीठ थपथपाने के कि हमें मजलूमों के मुकदमें लड़ दिए, इसके अलावा कुछ नहीं कर सकते हैं. बहुत सारे लोगों को मेरी बाते चुभ जाएंगी, लेकिन यही हकीकत है. ये हकीकत है कि ये मुसलमान लीडर और चंद मौलवी हैं ये तुम्हें बीजेपी का नाम लेकर डरा रहे हैं और रोटियां सेंक रहे हैं. इनको वक्फ से कोई लेना देना नहीं है."


उन्होंने कहा, "अगर ये वक्फ के तरफदार होते तो इनके मोहल्ले में कोई गरीब न होता. इनके पास मस्जिदें, बड़े-बड़े कॉलेज और यूनिवर्सिटी होती. ये वक्फ का नाम लेकर, मुसलमानों का नाम लेकर ये सरकार से मुसलमानों को डराकर अपनी खिसकती हुई सिर्फ जमीन बचा रहे हैं, इनको इसके अलावा और कोई मतलब नहीं है." 



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