शंभू-खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों के टेंट पर चला बुलडोजर, विनेश फोगाट बोलीं- 'AAP और बीजेपी की...'
Shambhu Border News: पंजाब पुलिस ने किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को हिरासत में लिया. विनेश फोगाट ने इसे बीजेपी और आम आदमी पार्टी की सरकार की मिलीभगत बताया है.

Shambhu Border News: पंजाब में किसानों की मांग को लेकर किसान नेताओं और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की बैठक हुई. इस बैठक में कुछ नतीजा तो नहीं निकल सका, लेकिन इसके बाद पंजाब पुलिस ने जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर को हिरासत में ले लिया. वहीं, शंभू और खनौरी बॉर्डर बैठे किसानों के अस्थायी कैंप हटा दिए गए और किसानों को वहां से हटा दिया गया. शंभू और खनौरी बॉर्डर पर इंटरनेट भी सस्पेंड कर दिया गया है.
इसको लेकर विपक्षी दल लगातार बीजेपी की केंद्र सरकार और पंजाब की आप सरकार पर हमलावर हैं. जुलाना से कांग्रेस विधायक विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "आज कृषि मंत्री ने किसान नेताओं के साथ मीटिंग की. बाहर आकर मीडिया से कहा मीटिंग सकारात्मक रही और वहीं दूसरी तरफ किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने अरेस्ट कर लिया. ये आप आदमी पार्टी और बीजेपी की मिलीभगत से हुआ है. किसानों के साथ नाइंसाफी और धोखा है."
'किसान नेताओं की हिरासत निंदनीय'- कुमारी सैलजा
वहीं, कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने भी पंजाब पुलिस के एक्शन पर आपत्ति जताई और कहा, "पंजाब पुलिस द्वारा किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और सरवन सिंह पंढेर की जबरन हिरासत निंदनीय है! यह साबित करता है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार में शांतिपूर्ण विरोध के लिए कोई जगह नहीं. AAP सरकार किसानों की आवाज दबा रही है, लेकिन देश किसान भाइयों के साथ खड़ा है."
'बात के बहाने बुलाकर किसानों को किया गिरफ्तार'- बजरंग पुनिया
इसके अलावा, ऑल इंडिया किसान कांग्रेस के अध्यक्ष बजरंग पुनिया ने भी नाराजगी जताते हुए कहा है, "सरकार किसानों से बातचीत के नाम पर खाली दिखावा कर रही थी, ये बात सरकार की इस कायराना हरकत से साफ हो गई है. किसान नेताओं को वार्ता के बहाने बुलाकर उन्हें गिरफ्तार करना कहां की बहादुरी है? सरवन सिंह पंढेर और डल्लेवाल समेत कई किसान नेता जब अपनी मांगों को लेकर सरकार से मिले, तो उम्मीद थी कि कोई समाधान निकलेगा, लेकिन सरकार ने बातचीत के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया. ये किसानों के साथ विश्वासघात नहीं तो और क्या है?"
बजरंग पुनिया ने आगे का, "अगर सरकार किसानों की आवाज़ सुनने के लिए सच में गंभीर होती, तो उनकी समस्याओं का समाधान निकालती, न कि उन्हें दबाने की कोशिश करती. यह दमनकारी रवैया बताता है कि सरकार वार्ता के नाम पर सिर्फ़ दिखावा कर रही है जबकि सरकार का असल मकसद किसान आंदोलन को कुचलना है. सभी देशवासियों को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए और केंद्र ओर पंजाब सरकार के इस दमनकारी कृत्य का विरोध करना चाहिए."
'62 करोड़ किसान माफ नहीं करेंगे'- रणदीप सिंह सुरजेवाला
सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा, "पहले शांति समझौते के लिए बुलाया, फिर गिरफ्तारी का कुच्रक चलाया. बीजेपी की केंद्र सरकार और पंजाब की आम आदमी सरकार ने मिलकर किसानों को MSP गारंटी पर बात चीत को बुलाकर और 'धोखे से गिरफ्तारी' कर विश्वासघात किया है."
रणदीप सुरजेवाला ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "देश के 62 करोड़ किसान इस षड्यंत्रकारी विश्वासघात को कभी माफ नहीं करेंगे. BJP और AAP ने आज वही किया है, जो दुर्योधन ने भगवान कृष्ण के साथ किया था जब वो पांडवों के 12 साल के बनवास और एक साल के अज्ञातवास के बाद संधि प्रस्ताव लेकर हस्तिनापुर गये थे."
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