Punjab News: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की बिसात बिछनी शुरू हो गई है. राजनीतिक पार्टियां बड़े जोर-शोर से चुनावी रणनीति बनाने में लगी हुई हैं. इसी बीच पंजाब में एक बार फिर शिरोमणि अकाली दल (SAD) और बीजेपी (BJP) के बीच गठबंधन हो सकता है. बेशक बीजेपी के कुछ स्थानीय नेता इससे सहमत नहीं हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व इससे खुश है.
शिरोमणि अकाली दल का रुख भी बीजेपी के प्रति नरम हो गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बीजेपी और अकाली दल में गठबंधन तय हो गया है. दोनों पार्टियों के बीच सीटों के फॉर्मूले से लेकर चुनावी रणनीति तक सब कुछ तय हो चुका है. अब सिर्फ गठबंधन की घोषणा का इंतजार है. हालांकि, दोनों पक्षों की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
हरसिमरत बादल बन सकती है मंत्री
एबीपी न्यूज की सहयोगी वेबसाइट एबीपी सांझा पर प्रकाशित एक खबर के अनुसार, अगर शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी के बीच गठबंधन होता है तो मोदी कैबिनेट एक बार फिर से अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल को शामिल किया जा सकता है. गठबंधन के ऐलान के बाद ही मोदी सरकार अपने मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देगी. केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस नए विस्तार में अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल को दोबारा मोदी कैबिनेट में कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
बीजेपी ने की गठबंधन की पहल
सूत्रों के मुताबिक इस बार गठबंधन की पहल अकाली दल नहीं बल्कि बीजेपी कर रही है. इसका मुख्य कारण विपक्षी दलों का महागठबंधन बताया जा रहा है. बेशक बीजेपी दावा कर रही है कि विपक्ष का महागठबंधन उनके लिए कोई मायने नहीं रखता, लेकिन अंदरुनी हकीकत ये है कि बीजेपी अपने से टूट चुके दलों को फिर से एक करने की कोशिश कर रही है. पंजाब में अकाली दल के साथ गठबंधन भी इसी रणनीति का हिस्सा है.
बादल ने दिल्ली में डाला डेरा
सूत्रों के मुताबिक शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने दिल्ली में डेरा डाल दिया है. गठबंधन की शर्तें तय करने के लिए वह वहां बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं. इस बीच यह भी चर्चा है कि पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल 5 जुलाई को पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. वे नए गठबंधन की नई शर्तों को फिर से पदाधिकारियों के सामने रखेंगे और उनकी राय लेंगे. इसके बाद सुखबीर बादल ने 6 जुलाई को शिरोमणि अकाली दल कोर कमेटी की बैठक बुलाई है. पदाधिकारियों की बैठक में जो भी बातें सामने आएंगी उस पर कोर कमेटी की बैठक में चर्चा होगी. इस बीच यह भी पता चला है कि पदाधिकारियों और कोर कमेटी की बैठक तो महज एक बहाना है. पार्टी ने गठबंधन से जुड़े सारे अधिकार पहले ही सुखबीर बादल को दे दिए हैं.
दोनों में सीटों का फॉर्मूला तय
इस बीच यह भी पता चला है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियों ने जो सीट फॉर्मूला तय किया है, उसमें बीजेपी ने नए गठबंधन में अपना कद बढ़ा लिया है और शिरोमणि अकाली दल का कद घटा दिया गया है. पुराने गठबंधन में 10 से 3 का फॉर्मूला हुआ करता था लेकिन पता चला है कि ये फॉर्मूला 8 से 5 का हो गया है. बीजेपी 5 और अकाली दल 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
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