Punjab News: शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने अपने संरक्षक और वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींडसा को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बृहस्पतिवार को दल की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. यह फैसला वरिष्ठ अकाली नेता द्वारा पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर निशाना साधने और आठ विद्रोही नेताओं के निष्कासन को खारिज करने के एक दिन बाद आया है. 


इससे पहले बादल के नेतृत्व वाली पार्टी ने पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर सहित 8 नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में दल से निष्कासित कर दिया था. इन नेताओं ने पार्टी प्रमुख के खिलाफ बगावत की थी.


अनुशासन समिति ने किया पार्टी से निष्कासित
बलविंदर सिंह भूंदड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय अनुशासन समिति ने बृहस्पतिवार को ढींडसा को दल की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया. वह पार्टी संरक्षक थे. भूंदड़ ने यहां संवाददाताओं से कहा सुखदेव सिंह ढींडसा को पार्टी से निकाल दिया गया है.


भूंदड़ ने कहा कि पार्टी ने ही उन्हें संरक्षक बनाया था. अनुशासन समिति के सदस्य महेशिंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि पांच मार्च को जब ढींडसा पार्टी में फिर से शामिल हुए तो उन्हें बादल के आचरण में कुछ भी गलत नहीं लगा, लेकिन जब उनके बेटे को संगरूर लोकसभा सीट से टिकट नहीं दिया गया तो उन्होंने बादल के नेतृत्व पर सवाल उठाना शुरू कर दिया.


‘अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं’
अनुशासन समिति के सदस्यों ने कहा कि अनुशासनहीनता किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने पंजाबियों से अवसरवादी व्यक्तियों से दूर रहने की अपील की. अनुशासन समिति की तरफ से कहा गया कि उनकी पार्टी संविधान के अनुसार काम कर रही है. शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को कार्यसमिति द्वारा दी गई शक्तियों के तहत आवश्यक कार्रवाई करने का जिम्मा सौंपा गया है.


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