Punjab News: शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को अपनी पार्टी की कोर कमेटी का पुनर्गठन किया है. इससे कुछ दिन पहले पार्टी नेताओं के एक वर्ग द्वारा विद्रोह को देखते हुए सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई को भंग कर दिया गया था. शिरोमणि अकाली दल की पुनर्गठित कोर कमेटी में 23 सदस्य और चार पदेन विशेष आमंत्रित सदस्य हैं. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC ) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी को समिति में सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.


कोर कमेटी में शामिल हुए ये सदस्य
एसजीपीसी प्रमुख के अलावा, वरिष्ठ शिअद नेता बलविंदर सिंह भूंदड़, नरेश गुजराल, गुलजार सिंह रानिके, जनमेजा सिंह सेखों, महेशिंदर सिंह ग्रेवाल, हीरा सिंह गाबरिया, बिक्रम सिंह मजीठिया, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, अनिल जोशी, शरणजीत सिंह ढिल्लों, सोहन सिंह ठंडल और परमजीत सिंह सरना को कोर कमेटी के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है.


पुनर्गठित समिति के अन्य सदस्यों में शिअद नेता मनजीत सिंह जीके, इकबाल सिंह झुंदा, विरसा सिंह वल्टोहा, गुरबचन सिंह बबेहाली, विधायक सुखविंदर सुखी, लखबीर सिंह लोधीनंगल, एन के शर्मा, मनतार सिंह बराड़, हरमीत सिंह संधू और बलदेव सिंह खेहरा शामिल हैं. बता दें कि पार्टी की पिछली कोर कमेटी 23 जुलाई को भंग कर दी गई थी.


शिअद के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने रविवार को कहा कि पार्टी की कोर कमेटी का पुनर्गठन कार्य समिति के प्रस्ताव के अनुसार किया गया है, जिसने सुखबीर सिंह बादल को यह जिम्मेदारी सौंपी थी. उन्होंने कहा कि संसद में शिरोमणि अकाली दल के नेता, पार्टी के युवाओं, महिलाओं और कानूनी शाखाओं के अध्यक्ष कोर कमेटी के पदेन सदस्य होंगे.


पार्टी में छिड़ी थी बादल के खिलाफ बगावत
103 साल पुराना राजनीतिक दल अपने इतिहास में सबसे बड़े विद्रोह का सामना कर रहा है. पंजाब में लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी नेताओं का एक वर्ग सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत कर पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने की मांग कर रहा था. बादल के खिलाफ पिछले महीने विद्रोह का झंडा उठाने वाले कई प्रमुख नेताओं में पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा शामिल हैं. पूर्व एसजीपीसी प्रमुख बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरपरताप सिंह वडाला, और पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा, सिकंदर सिंह मलूका और सुरजीत सिंह रखड़ा, चंदूमाजरा, मलूका, वडाला और रखड़ा, पार्टी के अन्य नेताओं में से कोर कमेटी के सदस्य थे. 


सुखदेव ढींढसा समेत 8 नेताओं को पार्टी से किया निष्कासित
शिअद ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए पार्टी संरक्षक सुखदेव सिंह ढींढसा और आठ विद्रोही नेताओं को निष्कासित कर दिया. ढींडसा के अलावा चंदूमाजरा, बीबी जागीर कौर, वडाला और पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढींढसा, सिकंदर सिंह मलूका, सुरजीत सिंह रखड़ा सुरिंदर सिंह ठेकेदार और चरणजीत सिंह बराड़ को भी निष्कासित कर दिया था. 1 जुलाई को विद्रोही नेता अकाल तख्त के जत्थेदार के सामने पेश हुए और उन गलतियों के लिए माफी मांगी जब उनकी पार्टी 2007 और 2017 के बीच राज्य में सत्ता में थी उस समय सुखबीर बादल उपमुख्यमंत्री थे. 


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