Punjab News: देश में समान नागरिक संहिता का विरोध बढ़ता जा रहा है. राजनीतिक दलों के नेताओं के बाद अब कुछ संस्थाएं भी इसका विरोध कर रही है. पंजाब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी भी समान नागरिक संहिता के विरोध में उतर आई है. एसजीपीसी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने अल्पसंख्यकों की परंपराओं, संस्कृति और विशिष्ट पहचान को संभावित नुकसान से जुड़ी चिंताओं का जिक्र करते हुए समान नागरिक संहिता (UCC) का विरोध किया. 


SGPC ने किया UCC का विरोध
आपको बता दें कि उनकी यह टिप्पणी शिरोमणि अकाली दल के उस बयान के एक दिन बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि देशभर में यूसीसी लागू करने से अल्पसंख्यक और आदिवासी समुदायों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. एसजीपीसी के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि एसजीपीसी ने यूसीसी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और इसे लागू किए जाने का विरोध किया है. सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 के मुद्दे पर, धामी ने धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने को लेकर पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह सिखों के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है.


गृहमंत्री शाह से मुलाकात करेगा SGPC
एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी का कहना है कि एसजीपीसी पहले ही सिख धार्मिक मामलों में राज्य सरकार के हस्तक्षेप का विरोध करते हुए एक प्रस्ताव पारित कर चुकी है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक के मुद्दे पर एसजीपीसी की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की योजना है. गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा ने 20 जून को यह विधेयक पारित किया था. एसजीपीसी इस विधेयक का विरोध कर रही है. उसका दावा है कि सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में केवल संसद द्वारा संशोधन किया जा सकता है. 


पाकिस्तान में सिखों की सुरक्षा पर ठोस कदम उठाए
धामी ने केंद्र सरकार से पाकिस्तान में सिखों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि ऐसा ना हो कि पाकिस्तान में भी अफगानिस्तान जैसे हालात पैदा हो जाएं. धामी ने कहा कि अगर अफगानिस्तान जैसा हाल पाकिस्तान में हुआ तो गुरु घरों की देखरेख कौन करेगा. 


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