पंजाब के पटियाला में खालिस्तानी समर्थकों और शिव सेना के समर्थकों में हिंसक झड़प हुई थी. द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार अब इस घटना को लेकर शिवसेना (बाल ठाकरे) पंजाब के प्रमुख योग राज शर्मा ने दावा किया है कि उन्होंने पटियाला की घटना से तीन दिन पहले डीजीपी वीके भावरा से मुलाकात की थी. इतना ही नहीं उन्हें अवगत कराया था कि वहां कुछ घटना भी हो सकती है, योग राज शर्मा ने दावा करते हुए कहा कि उन्होंने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को एक पीडीएफ फाइल भी भेजी थी.


योग राज वर्मा का यह बयान गुरदासपुर पुलिस द्वारा शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं को नजरबंद किए जाने के बीच आया है. वहीं कुछ नेताओं का मानना है कि पुलिस चंडीगढ़ के आदेश पर काम कर रही थी. पटियाला हिंसा पर बोलते हुए योग राज शर्मा ने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि पुलिस ने उनके द्वारा डीजीपी और अन्य अधिकारियों को दिए गए इनपुट पर प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी. शिवसेना नेता ने दावा किया कि उन्होंने 26 अप्रैल को चंडीगढ़ में डीजीपी से मुलाकात की थी और इस दौरान पंजाब इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजिंदर कुमार बिल्ला भी मेरे साथ थे.


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इस मुलाकात में हमने डीजीपी को पटियाला में प्रस्तावित मार्च के बारे में बताया और उन्हें यह भी बताया कि इसका नेतृत्व हरीश सिंगला करेंगे. फिर भी पुलिस ने कोई प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी, क्या पुलिस वाले दबाव में थे या फिर यह लापरवाही का नतीजा है. इसके साथ ही शिवसेना नेताओं को नजरबंद किए जाने पर गुरदासपुर के एसएसपी हरजीत सिंह ने कहा कुछ नेताओं को नजरबंद किया गया है.