Singhu Border: सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्टूबर निहंग सिखों ने दलित युवक लखबीर सिंह (Lakhbir Singh) की हत्या की थी. इस घटना के बाद सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर निहंग सिखों (Nihang Sikh) की मौजूदगी सवालों के घेरे में थी. लेकिन तमाम सवालों के बावजूद निहंग सिखों ने सिंघु बॉर्डर पर डटे रहने का फैसला किया है. बुधवार को हुई महापंचायत के बाद निहंग सिखों ने साफ किया कि वे सिंघु बॉर्डर पर जमे रहेंगे.


निहंग सिखों द्वारा सिंघु बॉर्डर पर बने रहने को लेकर महापंचायत बुलाई गई थी. इस महापंचायत में 80 फीसदी लोगों ने राय दी कि निहंग सिखों को सिंघु बॉर्डर पर बने रहना चाहिए. निहंग सिखों की ओर से जल्द ही इस फैसले का आधिकारिक एलान किया जाएगा. बैठक में हिस्सा लेने वाले एक सूत्र ने बताया, ''हम सिंघू बॉर्डर से जाने वाले नहीं हैं. हम यहां किसानों के समर्थन में आए हैं.''


क्या किसान आंदोलन को जारी रहेगा समर्थन?


निहंग सिखों की ओर से दावा किया गया है कि 12 किसान संगठन भी उनके सिंघु बॉर्डर पर डटे रहने के फैसले के पक्ष में हैं. निहंग सिखों का कहना है कि वह किसान आंदोलन को पहले की तरह ही समर्थन देना जारी रखेंगे और तीनों कृषि कानूनों के रद्द होने के बाद ही वापस लौटेंगे.


बता दें कि निहंग सिखों ने दो हफ्ते पहले दलित युवक लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्या की थी. इस हत्या का वीडियो सामने आने के बाद निहंग सिखों के सिंघु बॉर्डर से जाने की मांग उठने लगी थी. निहंग सिखों की ओर दावा किया गया कि बेअदबी की वजह से उन्होंने लखबीर सिंह की हत्या की. लखबीर सिंह की हत्या के मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.


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