Punjab Election 2022: किसान आंदोलन की समाप्त होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के नेताओं में पंजाब चुनाव लड़ने को लेकर मतभेद सामने आ रहे हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले नेताओं को एसकेएम का नाम इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है. योगेंद्र यादव का कहना है कि चुनाव लड़ना सबका हक है.
योग्रेंद्र यादव का मानना है कि चुनाव में एसकेएम का नाम इस्तेमाल करने से सही मैसेज नहीं जाएगा. किसान नेता ने कहा, ''हर किसी को चुनाव लड़ने का हक है. लेकिन हमारे नेताओं को संयुक्त किसान मोर्चा का नाम इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. अगर वो ऐसा करते हैं तो लोगों के बीच गलत मैसेज जाएगा और आंदोलन के प्रति लोगों को भरोसा टूट जाएगा.''
योगेंद्र यादव का कहना है कि आंदोलन के दौरान 700 किसानों की जान जाना बड़ा नुकसान है. उन्होंने कहा, ''हमारी मांगों को स्वीकार कर लिया गया. लेकिन आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी. हमने एकता हासिल की है और यह हमारे आंदोलन की बड़ी कामयाबी है.''
15 जनवरी को होगी बैठक
किसान नेताओं का कहना है कि आंदोलन को खत्म नहीं बल्कि स्थगित किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 15 जनवरी को दिल्ली में एक अहम बैठक बुलाई गई है.
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के पंजाब से जुड़े नेता चुनाव लड़ने के संकेत दे चुके हैं. हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने भी कहा है कि वह मिशन पंजाब के तहत पंजाब विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेंगे.