सोनिया दुहन शरद पवार की पार्टी छोड़कर मंगलवार (6 अगस्त) को कांग्रेस में शामिल होंगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा के निवास स्थान पर वो कांग्रेस पार्टी में हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बावरिया, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगी.  बीते दिनों सोनिया दुहन ने एनसीपी (SP) नेता और सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व पर कई सवाल खड़े किए थे.


बता दें कि सोनिया दुहन ने मई में शरद पवार की पार्टी का साथ छोड़ दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे के लिए सुप्रिया सुले को जिम्मेदार ठहराया था. दुहन हरियाणा की रहने वाली है. हरियाणा में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.


सोनिया दुहन को शरद पवार का करीबी माना जाता था. पुण में जब वो पायलट की ट्रेनिंग ले रही थीं, तब उसी दौरान उनका संपर्क एनसीपी से हुआ था. दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के चुनाव में उन्होंने एनसीपी की स्टूडेंट विंग का नेतृत्व भी किया. वो एनसीपी की छात्र इकाई की प्रवक्ता भी रह चुकी हैं.


सोनिया दुहन की तस्वीरें तब चर्चा का विषय बन गई थीं जब उन्होंने प्रफुल्ल पटेल की तस्वीर को एनसीपी के स्टूडेंट विंग के ऑफिस से बाहर फेंक दिया था. अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी में हुई बगावत के बाद उन्होंने प्रफुल्ल पटेल की तस्वीर हटा दी थी.


साल 2019 में जब अजित पवार बीजेपी के साथ सरकार बनाने की कवायद में जुटे थे तब सोनिया दुहन ने एनसीपी के चार विधायकों को टूटने से बचाया था. ये चार विधायक गुरुग्राम में थे. सोनिया दुहन एक्टिव हुईं और अजित पवार का बीजेपी के साथ सरकार बनाने का सपना टूट गया. जब शरद पवार ने पार्टी के प्रमुख पद से इस्तीफा दिया था, सोनिया दुहन उन नेताओं में शामिल थी जिन्होंने उनसे अपील की कि वो अपना इस्तीफा वापस ले लें.


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