Sonipat News: सोनीपत के पांच छात्र यूक्रेन में फंसे, व्हाट्सएप से वीडियो भेजकर सरकार से कही ये बात
Sonipat News: यूक्रेन में फंसे हुए छात्रों का कहना है कि यहां सिर्फ एंबेसी की तरफ से रहने की व्यवस्था की गई है और खाने-पीने की कोई व्यवस्था यहां नहीं है. यहां लगातार बमबारी हो रही है
Sonipat News: यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय छात्रों को लेकर उनके अभिभावक काफी चिंतित हैं. यूक्रेन (Ukraine) में सोनीपत के गांव चौहान जोशी गांव के 5 विद्यार्थी फंसे हुए हैं. उनकी हालात को लेकर परिजनों ने गुहार लगाई है कि जल्द से जल्द उनके बच्चों को भारत लाया जाए. यूक्रेन में फंसे हुए बच्चों का भी कहना है कि यहां सरकार द्वारा बस रहने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा खाने-पीने की कोई व्यवस्था यहां नहीं है. उनके हालात बहुत ज्यादा बुरे हैं और हम भारत सरकार से जल्द से जल्द कोई रास्ता निकालने की अपील करते हैं. रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद सोनीपत के कई छात्र-छात्राएं वहां फंस गए हैं. इनमें से ज्यादातर मेट्रो स्टेशन के बेसमेंट में समय गुजार रहे हैं.
ये छात्र वहां फंसे हुए हैं
सोनीपत के गांव चौहान जोशी के 5 छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं. जैन बाग कॉलोनी में रह रहे लेक्चरर सुरेंद्र की बेटी प्रिया भी यूक्रेन में है. वह साल 2017 से वहां एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है. 26 फरवरी को उनकी बेटी ने टिकट बुक करा ली थी लेकिन अचानक फ्लाइट रद्द कर दी गई. सोनीपत के गांव ठरू उलदेपुर के कुलदीप की भतीजी तनु भी मेडिकल की पढ़ाई कर रही है.
3 महीने पहले ही तनु यूक्रेन गई थी. गुरुवार को उसकी फ्लाइट थी लेकिन रूस के हमले के बाद वह भी घर नहीं लौट पाई है. सभी फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं. तनु को ट्रेन द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव ले जाया गया है. आदर्श नगर निवासी उमेश बबीना की बेटी रिया भी एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए यूक्रेन के खरकीव में है. रूस द्वारा हमला किए जाने के बाद बेटी रिया न केवल खुद मजबूत इरादों के साथ डटी हुई है बल्कि अपने परिजनों का भी आश्वासन देकर मनोबल बढ़ा रही है.
वापस लाने की गुहार लगाई
सभी विद्यार्थियों को सुरक्षित देश में लाने की गुहार लगाई गई है. अभिभावक ने बताया कि भारतीय एंबेसी के निर्देश पर बच्चों की टिकट बुकिंग कराई गई थी. 25 फरवरी को उनकी फ्लाइट थी लेकिन हालात अचानक से खराब हो गए जिस वजह से बच्चों को वापस भारतीय दूतावास जाना पड़ा. हालांकि भारतीय दूतावास द्वारा सभी भारतीय बच्चों को एक विद्यालय में रुकने के इंतजाम करवाए गए हैं. व्हाट्सएप कॉल के जरिए परिजन लगातार अपने बच्चों से जुड़े हुए हैं.
बच्चों ने भेजा वीडियो
यूक्रेन में फंसे हुए छात्रों ने खुद वीडियो भेजकर वहां की स्थिति के बारे में अवगत कराया है. बच्चों का कहना है कि यहां सिर्फ एंबेसी की तरफ से रहने की व्यवस्था की गई है और खाने-पीने की कोई व्यवस्था यहां नहीं है. उनका कहना है कि यहां लगातार बमबारी हो रही है और डर का माहौल है. भारत सरकार से सभी विद्यार्थियों ने अपील की है कि उन्हें यहां से जल्द से जल्द निकालने की व्यवस्था करें.
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