Punjab News: अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने विरसा सिंह वल्टोहा को 10 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का आदेश दिया है. अकाली दल नेता विरसा सिंह वल्टोहा को अकाल तख्त के जत्थेदार द्वारा 15 अक्टूबर को तलब किया गया था. वल्टोहा ने ज्ञानी रघबीर सिंह पर आरएसएस और बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया था, जिसको लेकर वल्टोहा को सबूत पेश करने के लिए कहा गया था. 


वल्टोहा आज (मंगलवार, 15 अक्टूबर) श्रीअकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश हुए थे. इस दौरान दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी वहां मौजूद रहे. वहीं ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि अगर वल्टोहा अब भी इस तरह की बयानबाजी करने से बाज नहीं आये तो उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा. 


बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा लिखित आदेश जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि विरसा सिंह वल्टोहा ने इससे पहले भी जत्थेदारों की नकल करते हुए मीडिया में गलत बयानबाजी की थी. उनके ऊपर कई दोष साबित होते हैं.


• सुखबीर सिंह बादल के मामले में कड़ा फैसले लेने के लिए आरएसएस या बीजेपी की तरफ से जत्थेदार साहिबानों पर दबाव बनाने का जो आरोप लगाया गया था. उसपर कोई सबूत नहीं दिया गया. 
• जत्थेदार के घर जाकर बादल पर चल रहे मुद्दे पर राजनीतिक फैसला न लेने की धमकी दी.
• बिना बताये अकाल तख्त के जत्थेदार से हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर विश्वासघात किया गया. 


सुखबीर सिंह बादल पर भी हुई थी कार्रवाई
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने तनखैया घोषित किया था. बादल को पूर्व अकाली सरकार के दौरान 2007 से 2017 तक गलतियों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब में पेश होकर सार्वजनिक तौर से माफी मांगने के लिए कहा गया था. ऐसा नहीं करने पर उन्हें तनखैया घोषित करने की बात कही गई थी.


यह भी पढ़ें: पंजाबी सिंगर ​दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट के टिकटों की कालाबाजरी, गिरोह का भंडाफोड़, आरोपी अरेस्ट