Punjab News: पंजाब के चंडीगढ़ (Chandigarh) में इंस्टीट्यूट ऑफ ब्लाइंड की 15 साल की छात्रा कैफी देश की तमाम एसिड अटैक की शिकार लड़कियों के लिए मिसाल हैं. दरअसल, कैफी ने सीबीएसई (CBSE) 10वीं में 95.02% हासिल किए हैं. 95.02% पाकर कैफी ने स्कूल में टॉप किया है. बता दें कि, कैफी एक एसिड अटैक सर्वाइवर है. महज 3 साल की उम्र में उन्हें एसिड अटैक का सामना करना पड़ा था.
दरअसल, कैफी के पिता सचिवालय में चपरासी के तौर पर काम करते हैं. 10वीं के रिजल्ट से बेहद खुश कैफी ने बताया कि, वह बड़ी होकर आईएएस बनना चाहती हैं. भूगोल उनका पसंदीदा सबजेक्ट है. कैफी ने आगे बताया कि यूट्यूब और इंटरनेट से उन्हें पढ़ाई में काफी मदद मिली. वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता से मिले हौसले और टीचर्स के मार्गदर्शन को देती हैं.
बेटी की कामयाबी पर माता-पिता को गर्व
वहीं अपनी बेटी की उपलब्धि पर कैफी के पिता ने कहा कि, उन्हें उस पर गर्व है और वह भविष्य में जो कुछ भी करना चाहेगी, उसमें उसका साथ देंगे. वह बताते है कि जब एसिड अटैक हुआ तो वह बहुत निराश हो गए थे, लेकिन उन्होंने उसे खूब पढ़ाने का फैसला किया और आज कैफी ने उस फैसले को सही साबित कर दिया है. कैफी की मां ने भी कैफी की सफलता पर खुशी जताई और कहा उसने समाज में सिर ऊंचा करके चलने का मौका दिया है और यह बहुत गर्व की बात है.
पड़ोसियों ने 3 साल की उम्र में डाला तेजाब
बता दें कि, जब कैफी 3 साल की थी तभी पड़ोसियों ने जलन के कारण उस पर तेजाब फेंक दिया था. इससे उसका पूरा चेहरा जल गया. वह छह साल अस्पताल में भर्ती रही. इस हमले की वजह से कैफी की आंखें भी चली गई थी. तबसे कैफी ब्रेल लिपि से पढ़ाई कर रही हैं. कैफी बहुत होनहार हैं, ये हमला कैफी को तोड़ नहीं पाया. उन्होंने अपने सपनों को हासिल करने के लिए संघर्ष को जारी रखा.